ब्राइट मून इंग्लिश स्कूल बोरखेड़ी कलां में मातृ - पितृ सम्मेलन व वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न..... खबर दिलीप पाटीदार की कलम से
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REPORTER:
Desk Report


  • बालक की प्रथम गुरु मां होती है संस्कारों का बीजारोपण वही से प्रारंभ होता है - महामंडलेश्वर सरस्वती......

बोरखेड़ी कलां - बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के समय से ही उनके अंदर सभी विधाओं का बीजारोपण किया जाए तो वे सफलता के शीर्ष पर पहुचने में डगमगाते नही है इसलिए विद्यालय में बच्चों को सभी विधाओं और कलाओं में दक्ष किया जाता है। शिक्षक एक मूर्तिकार और कुम्हार की तरह होता है जिस प्रकार मूर्तिकार पत्थर की शीला को तराश कर एक सुंदर मूर्ति में ढाल देता है ठीक उसी प्रकार कुम्हार भी मिट्टी की लोई को सुंदर मटके या अन्य विभिन्न प्रकार के उत्पाद बना देता है इसी प्रकार शिक्षक भी एक मासूम बच्चें में ज्ञान के साथ चरित्र और संस्कारों का बीजारोपण कर उसे समाज में प्रतिनिधित्व करने और सम्मानजनक स्तिथि पर पहुँचने के काबिल बना देता है। इसके अतिरिक्त वर्तमान परिपेक्ष्य में विसंगतियों को देखते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी माता - पिता की भी है क्योंकि एक नन्हा बालक प्रथम बोलता शब्द अपने माता - पिता से ही सीखता है और जीवन का महत्वपूर्ण समय बचपन उन्ही के साथ बिताता है इसलिये बच्चों को चरित्रवान और संस्कारवान बनाकर भावी पीढ़ी के निर्माण में एक शिक्षक के साथ माता - पिता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है वर्तमान समय में माता - पिता अपने व्यस्तम समय के एवज में बच्चों को मोबाईल व सोशल मीडिया का शिकार बनाते जा रहे है और उन्हें परिवाजन, रिश्तेदारों से जोड़ने के बजाय मोबाईल से जोड़ रहे है। मेरा उनसे अनुरोध है बच्चों को मोबाईल के मित्र बनाने की बजाय हमारे धर्मग्रंथों एवं देशभक्तो की जीवनी युक्त पुस्तकों का मित्र बनाएं। हम सभी जानते है बालक की प्रथम गुरु मां होती है और एक माँ ही अपने बच्चों को सही दिशा को दशा का ज्ञान करा सकती है इसलिये वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत रखते हुए समय की मांग के अनुसार मातृभाषा के साथ - साथ अंग्रेजी व संस्कृत का ज्ञान भी महत्वपूर्ण है। तभी तो हमारी आने वाली पीढ़ी वर्तमान परिस्थितियों का सुगमता पूर्वक सामना कर पाएगी। उक्त विचार ब्राइट मून इंग्लिश स्कूल बोरखेड़ी कलां में मातृ - पितृ सम्मेलन एवं वार्षिक गतिविधियों के पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य वक्ता धन्वंतरी पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 सुरेशानन्द सरस्वती, धन्वंतरी पीठम, अंबाधाम आश्रम निपानिया ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य श्रीमती मनीषा धाकड़ ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के ध्येय वाक्य - उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक की सफलता की प्राप्ति न हो जाएं। इसी वाक्य को चरितार्थ करते हुए बालक, बालिकाओं को पढ़ाई व शिक्षण में तो निपुर्ण होना ही है और साथ ही सर्वांगीण विकास के सभी पहलुओ पर खरा उतरना है। विद्यालय परिवार बच्चों को सर्वांगीण विकास की शिक्षा दे रहा है इसका परिदृश्य समाचार पत्रों व पत्राचार के माध्यम से देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि ग्राम पंचायत बोरखेड़ी कलां युवा सरपंच भोपाल अहीर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बिना लक्ष्य के सफलता हासिल नही की जा सकती है जिस प्रकार आपने सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम का लक्ष्य निर्धारित कर तैयारियां की ओर शानदार आयोजन हुआ उसी पर पढ़ाई में भी अव्वल आने का लक्ष्य निर्धारित करें और सफलता का परचम लगाएं। विद्यालय परिवार बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये कार्य कर रहा है। मुझे समय समय पर विद्यालय आने का अवसर मिलता है और बच्चों के विकास के लिये नवीन क्रियाकलाप देखकर प्रसन्नता होती है छोटे से गांव में भी श्रेष्ठ शिक्षण व अन्य गतिविधियों के आयाम चल रहे है विद्यालय परिवार इसके लिये धन्यवाद के पात्र है।
कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ धन्वन्तरी पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर सुरेशानन्द सरस्वती, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती मनीषा धाकड़, समाजसेवी हेजराजसिंह शक्तावत, शंकरलाल रावत (पटेल साहब), रतनलाल अहीर, शिवकरण पाटीदार, तुलसीराम पाटीदार, कैलाश अहीर, सरपंच भोपाल अहीर बोरखेड़ी कलां ने मां सरस्वती व भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। अतिथियों का स्वागत - सम्मान विद्यालय संचालक ज्ञानेंद्र कारपेंटर व सांस्कृतिक गतिविधि प्रमुख दिलीप पाटीदार जावी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम दरबार का चित्र भेंट कर किया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव में नीमच जिलें का प्रतिनिधित्व करने पर मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों व विद्यालय परिवार द्वारा गुरुजी का पुष्पहार, श्रीफल व शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा विद्यालय के वार्षिक गतिविधियों की विभिन्न एकल, दलीय व बौद्धिक प्रतियोगिताओं के पुरस्कार देकर बच्चों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाकर सभी बच्चों के चेहरे खिल उठे। कार्यक्रम के सफल संचालन में विशेष रूप से विद्यालय परिवार, पूर्व विद्यालय परिवार, अभिभावक, मातृशक्ति एवं बाल केबिनेट के बालक, बालिकाओं का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम में संचालन चन्द्रपाल जोशी ने किया और आभार विद्यालय संचालक ज्ञानेंद्र कारपेंटर ने माना। कार्यक्रम का समापन सहभोज के बाद हुआ। उक्त जानकारी विद्यालय प्रचार विभाग प्रमुख दिलीप पाटीदार जावी ने दी।

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