महत्‍वपूर्ण दिशा-निर्देश: तालाबों से प्राप्त कीचड़, गाद, मिट्टी के विभागीय उपयोग पर रॉयल्टी नहीं लगेगी
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REPORTER:
Desk Report


  • परिवहन और जल संवर्धन के निर्देश जारी

भोपाल। प्रदेश के सभी कलेक्टरों को तालाबों के गहरीकरण से प्राप्त कीचड़, गाद, मिट्टी के बिना रॉयल्टी भुगतान के परिवहन-जल संवर्धन के संबंध में निर्देश जारी किये हैं।

खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री निकुंज श्रीवास्तव ने निर्देश में कहा कि विभाग की अनुमति से तालाब, बाँध, नहर, स्टाप-डेम, जल निकाय से कीचड़, गाद, मिट्टी निकाली जाती है। ऐसी निकाली गई कीचड़, गाद, मिट्टी का उपयोग संबंधित शासकीय विभाग द्वारा स्वयं के विभागीय कार्यों में पूर्णत: उपयोग किया जाता है, तो ऐसी कीचड़, गाद, मिट्टी पर कोई रॉयल्टी देय नहीं होगी और ऐसी निकाली गई कीचड़, गाद, मिट्टी के परिवहन के लिये नियमों के अधीन कोई परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित अथवा संधारित किसी तालाब, स्टॉप-डेम, जल निकाय से कीचड़, गाद, मिट्टी निकाली जाती है और उसका उपयोग ग्राम पंचायत द्वारा स्वयं के विभागीय कार्यों में पूर्णत: किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में कोई रॉयल्टी देय नहीं होगी और न ही परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि संबंधित शासकीय विभाग या ग्राम पंचायत इसका विक्रय नहीं कर सकेंगे और न ही विक्रय करने की अनुमति किसी को देंगे।

प्रमुख सचिव ने बताया कि जल-स्रोतों से निकाली गई कीचड़, गाद, मिट्टी की स्थानीय ग्रामीणों, ग्राम स्तरीय संगठनों, कृषकों को यदि गैर-व्यवसायिक प्रयोजन के लिये आवश्यकता है, तो उनके आवेदन पर संबंधित विभाग एवं ग्राम पंचायत नि:शुल्क कीचड़, गाद, मिट्टी की अनुमति दे सकेंगे और इसके परिवहन के लिये स्थानीय ग्रामीणों के ग्राम स्तरीय संगठनों, कृषकों को न कोई रॉयल्टी देय होगी और परिवहन अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं होगी।

प्रमुख सचिव ने निर्देश में यह स्पष्ट किया है कि ग्राम स्तरीय संगठनों अथवा कृषकों द्वारा कीचड़, गाद, मिट्टी का उपयोग संबंधित शासकीय विभाग अथवा ग्राम पंचायत से अनुमति प्राप्त कर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें भी किसी प्रकार की रॉयल्टी भुगतान अथवा परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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