मोदी जी उपलब्धियों का बखान तो दुर्घटनाओं की जवाबदारी क्यों नहीं-  इंजी नवीन कुमार अग्रवाल 
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REPORTER:
Desk Report


  • डीजीसीए की रिपोर्ट के बाद 275 नागरिको की मौत का जवाबदार कौन?
  • क्या  मोदी जी एवं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू  इस्तीफा देंगे  ?

नीमच/भोपाल। भारत वर्ष में जब भी कोई घटना दुर्घटना होती है  प्रशासन एवं सत्ता पक्ष दिखावे के लिए चुस्त दुरस्त हो जाता है और आनन फानन सक्रियता के साथ इस प्रकार से कार्य करता है जैसे की उस घटना के बाद अब कोई घटना देश में घटित नहीं  होंगी।   ठीक उसी प्रकार से अहमदाबाद की वायुयान दुर्घटना के बाद हुआ और पूरा  तंत्र सक्रिय होकर कुछ समय के लिए जागरूक हो गया और उसी जागरूकता का परिणाम है की डीजीसीए ने आनन फानन में वायु सेवा से संबंधित सुरक्षा मानकों की जांच करवाने के लिए सेफ्टी आडिट करवाया जिसमे  रैम्प , एटीसी , कम्युनिकेशन ,नेविगेशन व सर्विलांस , प्री फ्लाइट मेडिकल परीक्षण, टेक ऑफ लैंडिंग जैसे क्षेत्रों की जांच की गई जिसमे एक नहीं अनेक खामिया  उजागर हुई जिसमे प्रमुखता से टेक  ऑफ एवं लैंडिंग के समय घिसे टायरों का उपयोग , सेंटर पीली  लाइन का धुंधलापन , सिम्युलेटर का वर्तमान वायुयान अनुरूप अपडेशन नहीं , मैंटेनैंस  इंजीनियर की अनुपलब्धता ,गैरज  ट्राली और ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण बेकार ,,हवाई अड्डों के आसपास नियमो के विपरीत निर्माण , यात्रियों के लिए प्रॉपर सुरक्षा जैकेट की अनुपब्लता जैसी कई कमिया  सेफ्टी ऑडिट के दौरान  सामने आई जो की बड़ी चूक है।  जबकि सेफ्टी ऑडिट निरंतर होना विभाग की जवाबदारी है।  

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार  अग्रवाल ने   सत्ता पक्ष भाजपा से सवाल किया  है की देश में चाहे रोड एक्सीडेंट हो , रेल दुर्घटना हो चाहे वायुयान दुर्घटना हो सभी का सेफ्टी ऑडिट दुर्घटना होने  के बाद ही क्यो होता है जबकि यह तो पूर्व से नियमो में   है की सेफ्टी ऑडिट होना  अतयंत आवश्यक है लेकिन आज देश में  पूंजीपतियों के दबाव में किसी भी प्रकार से सेफ्टी ऑडिट पर ध्यान  नहीं दिया  जा रहा है जिससे मानव  जीवन इसी प्रकार  से असमय मोत के काल  में समां रहे  है और जिम्मेदार आँख मूंदकर जनता के टैक्स के पैसे  से ऐशोआराम कर रहे  है। 

अग्रवाल ने सवाल किया  है की लोकतान्त्रिक देश में जनता प्रधानमंत्री एवं विभिन्न विभागों में केंद्रीय मंत्री इसलिए बनाती  है की  सम्बंधित विभाग की व्यवस्था दुरस्त  रहे,  इसलिए नहीं की  जनता के टैक्स के पैसे बर्बाद कर विदेश यात्राये  एवं अपनी पार्टी का  प्रचार प्रसार करने पर ही ध्यान दे और अपने मूल कर्तव्य से मुंह मोड़ ले। 

अग्रवाल ने कहा की पिछले 11 सालो से माननीय  प्रधानमंत्री ही देश विदेश में घूमकर सभी विभागों की जवाबदारी संभाल  रहे है और केंद्रीय मंत्रियो का  कार्य भी प्रधानमंत्री ही देख  रहे है चाहे  वो सड़क का उद्घाटन हो चाहे  वो  क्लिनिक का उद्घटान हो चाहे  सौचालयो की सौगत हो चाहे ट्रैन रूट  को हरी झंडी दिखाना  हो चाहे वो  एयरपोर्ट की सौगात  हो  जब इन सब में किसी भी प्रकार से मंत्रियो की सक्रीय भूमिका नहीं है तो फिर  क्या माननीय प्रधानमंत्री की नैतिकता नहीं बनती की जब वो उपलब्धियों का बखान करते है तो सभी दुर्घटनाओं की जवाबदारी स्वयं लेकर अपने पद से त्यागपत्र दे ?

अग्रवाल ने कहा की इस अघोषित आपातकाल में जब मंत्रियों सांसदों विधायकों का कोई कार्य नहीं रह गया है और मात्र देश में प्रधानमंत्री और प्रदेश में मुख्यमंत्री ही सब कुछ है तो मोदीजी को  तानाशाही छोड़कर अपनी  जवाबदारी  समझकर नैतिकता के आधार पर डीजीसीए की रिपोर्ट  के बाद  275 लोगों की  जो असमय मृत्यु हुई है उसके जवाबदारी स्वीकार करना चाहिए और अपने पद से तुरंत त्यागपत्र देना  चाहिए। 

अग्रवाल ने कटाक्ष किया है की जिस प्रकार से पहलगाव, पठानकोठ , पुलवामा , हमले की जवाबदारी से अमित शाह  ने मुंह मोड़ लिया  और अभी तक इन सब  आतंकी हमलो की जाँच रिपोर्ट का खुलासा भी नहीं हुआ और  जवाबदारी न लेकर त्यागपत्र  भी नहीं दिया उसी  प्रकार से मोदीजी भी पूर्व की घटनओं की तरह ही इस वायुयान दुर्घटना की जवाबदारी नहीं लेंगे और  सत्ता के चलते अपने पद से त्यागपत्र नहीं देंगे और न ही केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू का इस्तीफा मांगेंगे और हम दो हमारे दो के सिद्धांतो पर चलते रहेंगे।

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