विरोध के बाद भाजपा को एक चुटकी सिंदूर का महत्व आया समझ में?- इंजी नवीन कुमार अग्रवाल 
logo

REPORTER:
Desk Report


  • सनातन धर्म में सिंदूर देने का अधिकार सिर्फ पति को गैर मर्द को नहीं  

नीमच/भोपाल। सनातन धर्म में गृहस्थ जीवन में शादी से लेकर मुक्तिधाम की यात्रा तक एक विवाहित महिला  के लिए सिंदूर का  अत्यंत महत्वपूर्ण महत्व है जो भारतीय महिला के लिए मान ,सम्मान , पवित्रता ,सुहागन होने  एवं सौभाग्य का प्रतीक है। और जब एक विवाहित महिला अपने माथे  पर मांग में  पति द्वारा दिया  गया सिंदूर लगाती है तो अपने आप को सौभाग्यवती मानती है।  भारतीय सनातन  धर्म के अनुसार सिंदूर देने का अधिकार उसके  पति को होता है।  विवाह के दौरान और विवाह के बाद पति अपनी पत्नी को सिंदूर देता है जिसे पत्नी अपने मांग में सजाती है और अखंड सुहागन रहने का आशीर्वाद मांगती है सिंदूर देने का अर्थ है की पति  पत्नी दोनों अपने सम्बन्धो को स्वीकार  करते है और अपने सम्बन्धो को मजबूत बनाते है जिससे उनके बिच के प्रेम और विस्वास बल  मिलता है लेकिन इतनी छोटी सी बात न मोदीजी को और न भाजपा को समझ में आ रही है जिससे कारन मात्र राजनैतिक लाभ लेने के लिए सेना के बलिदान पर राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए घर घर सिंदूर अभियान  चलाने का असामाजिक कृत्य कर रही थी  जिसे भारी विरोध के बाद भाजपा को एक चुटकी सिंदूर का महत्व समझ में आया और अपने अभियान को स्थगित करना पड़ा । 

उक्त कटाक्ष करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन कुमार  अग्रवाल ने भाजपा के  सनातन विरोधी घर घर सिंदूर अभियान की कड़े शब्दों में निंदा कर इस अभियान को सनातन विरोध बताते हुए कहा है की जिस व्यक्ति ने सिंदूर की लाज नहीं रखी वो व्यक्ति सिंदूर के महत्व को कैसे समझ सकता है। साथ ही  भाजपा भी  अगर इसके महत्व को समझती तो अभी तक भारतीय वीरांगना सोफिया कुरैशी का अपमान करने वाले मंत्री  विजय शाह एवं  भारतीय वीरांगनाओ का अपमान करें वाले सांसद रामचंद्र जांगड़ा को निष्काषित करने का कार्य करती  लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और  उल्टा उन्हें संरक्षण  दे रही है। देश के विभिन्न राज्यों में जिस स्वेच्छारिता के साथ भाजपा से जुड़े कार्यकर्त्ता , नेतागण , विधायक , मंत्री महिलाओं के साथ अभ्रदता कर रहे है दुष्कर्म कर रहे है  लेकिन भाजपा उन्हें अपनी पार्टी से निष्काषित करते और उनपर वैधानिक कार्यवाही करें का साहस नहीं दिखा पा  रही है और अधिकतम  मामलो में उन्हें संरक्षण प्रदान किया जा रहा है  और फिर भी बात कर रहे है सिंदूर की ? अभी हाल में ही 8 लेन सड़क पर भाजपा नेता द्वारा  जो अशोभनीय एवं निकृष्टम  पशुता पूर्ण कृत्य किया गया है  उससे सारा देश स्तब्ध है शर्मशार  है फिर भी  राजनैतिक लाभ हानि को देखते हुए उस पर कोई कार्यवाही भाजपा द्वारा  अभी तक नहीं की गई है जो  स्वतः दर्शाती  है की भाजपा भारतीय महिलाओ  के आत्मसम्मान के लिए कितनी कटिबद्ध  है?  

अग्रवाल ने मोदी जी से सवाल किया  है की क्या  सनातन धर्म  में एक गैर मर्द किसी दूसरी विवाहित महिला  को सिंदूर देने का अधिकार  रखता है ?  क्या एक विवाहित महिला किसी ग़ैर मर्द से  अपने सौभाग्य के प्रतिक सिंदूर को ग्रहण करेंगी ? क्या भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओ ,नेताओ ,मंत्रियो , मुख्यमंत्रियों प्रधानमंत्री   इन सभी की पत्निया भी क्या भाजपा के घर घर सिंदूर अभियान के अंतर्गत गैर मर्द से सिंदूर स्वीकार करेंगी ?  घर घर सिंदूर अभियान के   दौरान भीड़ का स्वरुप क्या बारात की तरह नहीं लगेगा ?  और जब यह भीड़  एक परायी विवाहित महिला को सिंदूर देते समय  छपास की बीमारी के कारन आपसे प्रेरणा लेकर फोटो सेसन करवाएंगी तब क्या उस विवाहित महिला के आत्मसम्मन पर चौंट नहीं होंगी ?  और जब यह फोटो सोशल  मीडिया ,समाचार पत्रों में छापेंगे तब क्या वह भारतीय विवाहित महिला अपने आप को   अपमानित महसूस नहीं करेंगी ? मोदी जी ें  इन सवालों के जवाब आप अपने आप को अवश्य देने का कष्ट करे आपको स्वतः समझ में आ जाएगा की किस प्रकार की अनुचित समाज विरोधी घर घर  सिंदूर अभियान की योजना भाजपा ने बनाई थी जिसे भारी  विरोध के कारण भाजपा को  स्थगित करना पढ़ा  ?

अग्रवाल ने कहा की मोदी जी आप तो रात  दिन सनातन  धर्म की दुहाई देते है तो फिर इस प्रकार की गलती भाजपा से  कैसे हो गई ?  शुक्र है की अब चौतरफा विरोध के बाद भाजपा ने इस अभियान से अपुष्ट समाचार अनुसार पल्ला जाड़  लिया  जो की  देशभक्त सनातनी धर्म के धर्मावलम्बियों  की जित है।

प्रेस नोट