ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश की रचनाएँ स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल, नीमच का नाम हुआ रोशन
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REPORTER:
Desk Report


रतनगढ़। मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रतनगढ़ निवासी साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' ने अपनी लेखनी से एक बार फिर क्षेत्र का नाम गौरवान्वित किया है। उनकी दो उत्कृष्ट गद्य रचनाएँ, कलम की पूजा और शिप्रा की आत्मकथा, न्यू सरस्वती हाउस प्राइवेट लिमिटेड की आगामी पाठ्यपुस्तक शृंखला में शामिल की जाएँगी। यह खबर न केवल नीमच के साहित्य प्रेमियों के लिए, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।

न्यू सरस्वती हाउस, जो शैक्षिक प्रकाशन के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है, ने अपनी कक्षा-5 और कक्षा-8 के लिए तैयार की जा रही पाठ्यपुस्तक शृंखला में श्री क्षत्रिय की रचनाओं को स्थान देने का निर्णय लिया है। कलम की पूजा और शिप्रा की आत्मकथा जैसी रचनाएँ, जो अपनी संवेदनशीलता और गहन संदेशों के लिए जानी जाती हैं, अब देश भर के स्कूली बच्चों को प्रेरित करेंगी। इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि छोटे शहरों के साहित्यकार भी अपनी प्रतिभा से राष्ट्रीय मंच पर छा सकते हैं।

न्यू सरस्वती हाउस के संपादक श्री शशि प्रकाश द्विवेदी ने अपने पत्र में श्री क्षत्रिय को सूचित किया कि उनकी रचनाओं का कॉपीराइट उनके पास ही रहेगा, और वे भविष्य में इनका उपयोग स्वतंत्र रूप से कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रकाशन के पश्चात् पाठ्यपुस्तक की प्रतियाँ लेखक को संस्थागत नियमों के तहत प्रेषित की जाएँगी। यह पारदर्शिता और लेखक के प्रति सम्मान न्यू सरस्वती हाउस की व्यावसायिकता को दर्शाता है।

श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश', जो लंबे समय से साहित्य सृजन में सक्रिय हैं, ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा, "मेरी रचनाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। यह न केवल मेरे लेखन का सम्मान है, बल्कि उन सभी बच्चों के लिए एक अवसर है जो इन रचनाओं के माध्यम से जीवन के मूल्यों को समझेंगे।" उन्होंने न्यू सरस्वती हाउस और संपादक श्री द्विवेदी का हृदय से आभार व्यक्त किया।

रतनगढ़ के स्थानीय निवासियों और साहित्य प्रेमियों में इस खबर को लेकर उत्साह का माहौल है। स्थानीय शिक्षक श्री सत्यनारायण सोलंकी ने कहा, "ओमप्रकाश जी की रचनाएँ हमेशा से प्रेरणादायक रही हैं। अब जब ये स्कूलों में पढ़ाई जाएँगी, तो नई पीढ़ी को निश्चित रूप से नैतिकता और साहित्य का अनमोल खजाना मिलेगा।"

यह उपलब्धि नीमच के साहित्यिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ती है। श्री क्षत्रिय की यह सफलता अन्य उभरते लेखकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जो अपने छोटे शहरों से बड़े सपने देखते हैं। न्यू सरस्वती हाउस की इस पहल से न केवल साहित्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का समावेश भी सुनिश्चित होगा।

इस उपलब्धि के लिए श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' को हार्दिक बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ! नीमच का यह साहित्यिक सितारा निश्चित रूप से और ऊँचाइयाँ छुएगा।

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