रहवासियों के कई जतन के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात, मांगलिक कार्यो में बची डिस्पोजल युक्त भोजन सामग्री खा रही गायें, सिरदर्द बना मांगलिक भवन में बनने वाला भोजन, क्षेत्रवासियों में भारी आक्रोश
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REPORTER:
Desk Report


नीमच। आए दिन देखने और सुनने को मिलता है कि मांगलिक आयोजन में भोजन पश्चात बची हुई भोजन सामग्री, प्लास्टिक डिस्पोजल यहां वहां बिखरी पड़ी मिलती है। जहां भी आयोजन होता है अगले दिन वहां हालात बदतर नजर आते है। कई शिकायतें होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है जिससे हालात बिगड़ते जा रहे है वहीं मूक जानवर गायें उसे खाकर स्वास्थ्य खराब कर रही है और जिम्मेदार आंखो पर पट्टी बांधे बैठे है।

यहां बात कर रहे है इन्दिरा नगर के हृदय स्थल पर बने बैरिस्टर उमाशंकर त्रिवेदी मांगलिक भवन की। इस मांगलिक भवन का सैकड़ों लोग उपयोग करते है। कुछ लोग उपयोग के बाद वहां के बदतर हालात बना देते है। यहां बीते कई सालों से मांगलिक आयोजन में भोजन के दौरान अगले दिवस बची हुई भोजन सामग्री, प्लास्टिक डिस्पोजल भारी मात्रा में ढेर के रूप में बिखरे हुए नजर आते है। ऐसे हालातों के जिम्मेदार कुछ अपवाद रूपी लोग तो है ही वहीं नगरपालिका में बैठे वे अधिकारी कर्मचारी भी है जो कार्यवाही कर सकते है, लेकिन करते नहीं । कई बार रहवासियों ने इसकी शिकायतें की है, मौका मुआयना करवाया है उसके बाद भी जिम्मेंदारों पर कोई असर नहीं हो रहा है अनदेखी से हालात बिगड़ते जा रहे है।

गायें हो रही शिकार-

बचे हुए प्लास्टिक डिस्पोजल व भोजन (झूठन) सामग्री जिसे गायें खाकर अपना पेट भरती है और स्वास्थ्य खराब करती है। मूक जानवर को क्या खाना यह पता नहीं रहता है जो मिलता है वो खा लेती है ऐसे में झूठन जो प्लास्टिक डिस्पोजल में भरी भोजन सामग्री होती उसे खाकर गायें अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है और इसके जिम्मेदार झूठन सामग्री को मांगलिक भवन में ही छोड़ने वाले आयोजनकर्ता तो होते है ही, वहीं जानकारी के बाद भी कार्यवाही नहीं करने वाले नगरपालिका में बैठे वे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी भी होते है जो जानबूझकर इस मामले में कार्यवाही नहीं कर पाते है। नपा में बैठे जिम्मेदार बात करते है स्वच्छता अभियान की, नीमच को नंबर एक पर लाने की ऐसे में वो विभाग जो स्वच्छता अभियान को गति दे रहा है वो ही अनदेखी करेगा तो ऐसे में कैसे हालात सुधरेंगे।

रहवासियों की जुबानी –

इस संबंध में मांगलिक भवन के पास निवासरत गुर्जर परिवार की श्रीमती गुर्जर ने चर्चा में बताया कि झूठन डाल देते है दो-दो तीन-तीन दिन तक सफाई नहीं होती है बबू भी बहुत आती है। हमारे लिये तो यह सिरदर्द बन चुकी है। कई शिकायते की है कुछ भी नहीं हुआ। मैंने खुद नपाध्यक्ष को मौका मुआयना करवाया, गंदगी दिखवाई और मांग की कि यहां झूठन सामग्री नहीं फैंके इस और कार्यवाही करें व फर्शीकरण की मांग की। पार्षद ने भी फर्शीकरण की बात कही। लेकिन यह बात आज तक दिखावे तक सीमित है। हालात बदतर हो रहे है। रहवासियों में आक्रोश पनप रहा है।

लापरवाही