गडकरी जी क्या वरिष्ठ नेताओ को कसकर लात मारने का साहस दिखाएंगे- इंजी नवीन कुमार अग्रवाल 
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REPORTER:
Desk Report


  • नो सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
  • बड़बोले नेता गडकरी जी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

भोपाल। पिछले 10 वर्षों में देश में जाति एवं धर्म आधारित राजनीति का एक नया युग देखने को मिला जब चुनाव आते है तो धर्म आधारित राजनीति हावी हो जाती है और देश में धर्म के आधार पर नफरत का माहौल बनाया जाता है  दूसरी और जब चुनाव  ही जाते है तो जाति आधारित राजनीति कर नागरिको के बीच नफरत का माहौल बनाया जाता है जिसमें दल विशेष के कुछ नफरती  नेता और उनके आनुषंगिक संगठन प्रायोजित कार्ययोजना  अनुरूप देश में नफरत का माहौल बनाते है और उसी बात को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने सेन्ट्रल इण्डिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशंस दीक्षांत समारोह में कहा की " जो करेगा जाति  की बात ,उसको कसकर मारूंगा लात " . और यह सर्वविदित है की उन्हीं के दल  के छुटभैये नेता से लेकर वरिष्ठ नेता तक दिन रात एक वर्ग विशेष के खिलाफ जहर उगलते रहते है जिससे देश में अमन चैन नदारद होता जा रहा है और अंग्रेजो की फूट डालो और राज करो की नीति प्रभावी होती जा रही है। तो क्या अब नितिन गडकरी अपने ही दल भाजपा के वरिष्ठ नेता और उनके समर्थक संगठन के नेताओं को जो की दिन भर नफरती भाषण देते है उन्हें  कसकर लात मारने का साहस दिखायेंगे उक्त कटाक्ष करते हुए आम आदमी पार्टी के  प्रदेश प्रवक्ता नवीन कुमार  अग्रवाल ने तंज कसा है?

अग्रवाल ने कहा की जब जब चुनाव आते है तब तब जाति एवं धर्म आधारित राजनीति हावी हो  जाती है और आम नागरिको में नफरत के बीज बोकर देश  में नफरत की  राजनीति की जाती है जिसमें भाजपा के कुछ नफरती नेता खुलेआम धर्म एवं जाति को लेकर नफरती बयान  देते है।  और यह बात नितिन गडकरी को भी पता है लेकिन आज तक कभी भी नितिन गडकरी ने अपने   नफरती नेताओं को लात मारने का साहस नहीं दिखाया जिस प्रकार से उन्ही के विभाग में देश भर में गरीब वाहन चालकों से खुलेआम सड़को पर परिवहन विभाग के अधिकारी  कर्मचारी लूट मचाते है लेकिन  24 घंटे 365 दिन निरंतर चलने वाले भ्रष्टाचार और अवैध वसुली पर गडकरीजी अभी तक नकेल नहीं   कस  पाये  है। सिर्फ बयानबाजी कर चर्चा में रहने वाले बड़बोले गडकरी को पहले अपने ही दल में झांक कर  देखना होगा और जो नेता जाती और धर्म आधारित नफरती बयान देता है उसको कसकर लात  मारने का साहस दिखना होगा और उसके लिए उनका गृह नगर सबसे  उपयुक्त है जहां  से उन्हें कसकर लात मारने का कार्य प्रारम्भ कर देना चाहिए।  और ऐसा गडकरी जी करेंगे  तो हम उनका  नागरिक अभिनन्दन करेंगे । नहीं तो गडकरी जी इसी कहावत को चरितार्थ करेंगे  की "नो सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली " ?

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