नाथ सम्प्रदाय ने समाधि स्थान आवंटन की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
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REPORTER:
Desk Report


नीमच। राष्ट्रीय नाथ संप्रदाय जिला नीमच के तत्वावधान में नाथ संप्रदाय के लोग बड़ी संख्या में रैली के रूप में  जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम  ममता खेड़े को सोंपा। हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन के माध्यम से बताया कि नीमच जिले के नाथ परिवारों से संबंधित होकर नाथ सम्प्रदाय के रीति रिवाजों एवं यह संस्कारों के अनुरुप पालन करते आ रहे है। गत दिनों रविन्द्र भवन भोपाल में आयोजित अर्द्ध धुक्मक्कड सम्मेलन में  मुख्यमंत्री  मोहन जी यादव द्वारा गोरक्षनाथ जी की परम्पराओं को जो अनादि काल से चली आ रही है के संबंध में जो शब्द अपने अभिभाषण में उपयोग किये गये 'समाधि प्रथा को बंद कर अंतिम संस्कार चालू करें' बयान से  नाथ संप्रदाय व्यथित है।ज्ञापन के माध्यम से ध्यान आकर्षित कराना चाहते है कि नाथ सम्प्रदाय की प्राचीनतम व अनादिकाल से चली आ रही परम्पराओं जो स्वयं भगवान भोलेनाथ द्वारा चलाई गई है। इसी परम्परा के अंतर्गत महान अवतारी पुरुष भी दीक्षित हुए है। जिस परम्परा में नाथ सम्प्रदाय के आराध्य श्री गौरक्षनाथ जी द्वारा चलाये गये योग व शिक्षा मार्ग को पूरा विश्व योग को स्वीकार करते हुए 21 जून को योग दिवस के रूप में मना रहा है। इसी परम्परा में समाधि प्रथा अपने आप में महत्वपूर्ण है। इसी के तहत संपूर्ण समाज संतों की समाधि स्थल पर शीष नवाते हुए उनके द्वारा किये गये कार्यों से प्रेरित होता आ रहा है। आज भी गौरक्षनाथजी के इस मार्ग पर उनके हजारों अनुयायी पूर्ववतः पालन करते आ रहे है।इसी परम्परा के तहत भारत के लोक देवता बाबा रामदेवजी महाराज की समाधि बनाई गई है। जिनके दर्शनों हेतु हजारों लाखों भक्तगण रुनिजा राजस्थान जाते है। इसी परम्परा के अनुपालन में गोगावीर जो बाबा गुरुगौरक्षनाथ जी के शिष्य थे, वाल्मीकि समाज के अनेक उद्धारक सहित राजस्थान के सवाई भोज में बाबा रुपनाथ का नाम उल्लेखनीय है। ये सभी नाथ सम्प्रदाय के है। इसी कडी में मच्छीन्दरनाथ जी, लीम नाथ व पारस नाथ जो जिनके द्वारा सकल जैन समाज का विस्तार किया गया इसी परम्परा के अनुयायी थे।

गौरक्षनाथजी महाराज के शिष्य परशुरामजी द्वारा भी ब्राह्मण समाज का उत्थान किया गया हैऔर सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान किया है। इसी प्रकार उज्जैन के सम्राट राजा भृतहरि ने भी गौरक्ष नाथ जी से दीक्षा प्राप्त कर भरत वैराग्य पंत राता रुण्डा जिला नागौर राजस्थान में स्थित है जहाँ पर गौरक्षनाथ जी के द्वारा कर्णछेदन किया जो नाथ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है। इसी कडी में राजा भृतहरि महाराज की समाधि राजस्थान में अलवर जिले में भृतहरिचीड में स्थित है। इसी परम्परा में संतों ने वर्तमान काल खण्ड में सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु विश्व हिन्दू परिषद द्वारा चलाये गये राम जन्म मुक्ति आंदोलन में भी इस सम्प्रदाय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी मुक्ति आंदोलन की समिति में अध्यक्ष बनने के लिये कोई तैयार नहीं था तब इस चुनौती पूर्ण पद को महंत अवैध नाथ जी द्वारा ग्रहण किया गया जो आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी जो कि आज एक सफल मुख्यमंत्री है जो इस गौरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर है।

योगी आदित्यनाथ जी द्वारा प्रधानमंत्री जी को व भारत के गृहमंत्री अमितजी शाह को व कई राज्यों के जिसमें प्रमुख  शिवराजसिंह जी चौहान,  नरेन्द्रसिंह जी तौमर सहित अन्य केबिनेट मंत्री व नेताओं को को आमंत्रित इस समाधि का लोकार्पण लोकार्पण किया  गया। यही नाथ सम्प्रदाय की परम्परा है और यदि यह परम्परा गलत प्रतीत होती तो  प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्रीजी व कई कैबिनेट मंत्री इस पर अपनी सहमति प्रदान नहीं करते और इस परम्परा को बनाए रखने का अपने अभिभाषण में उल्लेख नहीं करते। मुख्यमंत्री  मोहन जी यादव जिस परम्परा या वर्ग से आते है उस वर्ग ने भी नाथ परम्परा से दीक्षा ली है उनमें से बाबा खेतानाथजी, बाबा चाँदनाथजी जो कि पूर्व सांसद अलवर, बाबा बालकनाथ जी वर्तमान में विधायक स्थल बोर गादी के पीठाधीश्वर व पतंजलि के बाबा रामदेव भी नाथ सम्प्रदाय की योग शिक्षा को ग्रहण कर संपूर्ण विश्व में धर्म संस्कृति के संवाहक बने हुए है।उक्त परम्पराओं को देखते हुए  मुख्यमंत्री जी की सलाह उचित नहीं है। भारतीय संविधान की धारा 25 व 26 में सभी को अपने अपने धर्म को मानने का व पालन करने की अनुमति प्रदान की गई है  मुख्यमंत्री जी से मांग  है की समस्त नाथ सम्प्रदाय जो कि संपूर्ण भारत में बसने के साथ साथ अन्य देशों में भी निवासरत है उसी कडी में मध्यप्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत नाथ सम्प्रदाय हेतु समाधि के लिये दूसरे वर्गों की तरह जैसे क्रिश्चियन, मुस्लिम को भूमि दी गई है उसी तरह नाथ सम्प्रदाय को भी कलेक्टर  राजस्व के माध्यम से समाधि स्थल हेतु भूमि आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान करें।

ऐसी अपेक्षा  पूरा सम्प्रदाय रखता है, और उम्मीद करता है मुख्यमंत्री श्री यादव के द्वारा दिये गये कथित शब्द को वापस लेकर सम्पूर्ण नाथ सम्प्रदाय को अनुग्रहित करेंगे । ज्ञापन  के अवसर पर नाथ सम्प्रदाय के अनुयायी महंत श्री लालनाथ योगी आसन दरियानाथ मठ, सुखानन्द रोड, जावद ,भीमनाथ योगी,गोपाल नाथ योगी, भगवान नाथ योगी,  रतन नाथ योगी, सहित जिले व अंचल से बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित थे।

विरोध प्रदर्शन