- किसानों ने लिया संकल्प - 6000 भाव नहीं होने तक मंडी में नहीं लाएंगे सोयाबीन
नीमच। ग्राम कराड़िया महाराज में 4 सितंबर की रात्रि में विशाल सोयाबीन पंचायत का आयोजन हुआ। जिसमें करीब12 गाँवों के सैंकड़ों किसानों भाग लिया। सोयाबीन पंचायत को किसान नेता डीपी धाक¶ड़ रतलाम , किसान नेता केदार सिरोही हरदा व किसान नेता राहुल राज विदिशा संबोधित किया और किसानों के हितों की बात कही। इस दौरान किसानों ने बोले अब सोयाबीन के दाम हो, 6000 पार। कार्यक्रम के संयोजक व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने किसानों की समस्याओं का पंचायत में रखा, जिसका किसानों ने समर्थन किया।
सोयाबीन पंचायत में किसानों ने सोयाबीन के भावों के प्रति अपनी पीड़ा बताई और कहा कि लागत से भी काफी कम भाव मिल रहा है और किसानों के हितों के लिए क्षेत्र में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है। किसान पंचायत में किसानों ने संकल्प लिया कि जब तक सोयाबीन के भाव 6000 प्रति क्वि¨टल नहीं होंगे, किसान मंडी में अपनी सोयाबीन नहीं बेचेंगे। साथ ही किसानों ने स्वयं आगे आकर इस आंदोलन को जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन करने की बात कही, जिसमें ट्रैक्टर रैली वह अन्य विरोध प्रदर्शन शामिल रहेंगे। सोयाबीन पंचायत में निर्णय लिया गया कि जिले की हर ग्राम पंचायत में किसान हल्का पटवारी अथवा पंचायत सचिव को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम सोयाबीन के दाम 6 हजार रूपए करने के दाम करने के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।
फसल का अच्छा दाम हमारा हक-
सोयाबीन पंचायत में किसान नेता डीपी धाकड़ ने जोशीले अंदाज किसानों को संबोधित करते कहा कि सोयाबीन फसल का दाम हमारा हक है। हम अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले हैं। डीपी धाकड़ ने आने वाले दिनों में युवाओं और किसानों को को अगले आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा और यह भी कहा कि तो हर कम्पनी अपने भाव खुद तय करती है तो हम अपने भाव को क्यों नहीं तय कर सकते..? किसान नेता केदार सिरोही ने आकड़ो सहित बताया कि हमारी सोयाबीन का उत्पादन कितना होता है और हमें उसका कितना लाभ मिलता है। उन्होने सरकार की विदेश नीति के बारे में काफी विस्तार से बताया। किसान नेता राहुल राज ने अन्य राज्यों में चल रहे सोयाबीन किसान आंदोलन के बारे में किसानों को बताते हुए कहा कि कहा कि महाराष्ट्र और राजस्थान में हम लोग आंदोलन कर रहे हैं और यह आंदोलन पूरे सोयाबीन उत्पादक क्षेत्र में चलेगा। कार्यक्रम संयोजक तरुण बाहेती ने कहा कि अब हमें समझ आ गया है कि हम अपने हक की बात करें। किसान लगातार नुकसान उठा रहा है और और सब लोग आंखें बंद किये हुए हैं। ,हमें एक जिला स्तर बड़ा आंदोलन खड़ा करना है, जिसकी आवाज दिल्ली और भोपाल तक पहुंचना है। अन्य वक्ताओं ने मंदसौर किसान आंदोलन की तुलना करते हुए कहा कि जैसा मंदसौर में आंदोलन हुआ इस प्रकार एक बडा आंदोलन इस प्रकार के बाद आंदोलन नीमच जिले में खडा करने की आवश्यकता है। सोयाबीन पंचायत को कृपालसिंह मंडलोई, दिलीप पाटीदार बूढा, भगवतीलाल पाटीदार रतलाम, किसान छत्रपालसिंह राणावत, मोहनसिंह तोमर, रामप्रसाद धनगर, यशवंत लोहार, कैशुराम जाट, मोहनसिंह जाट, दिनेश गुर्जर समेत कई किसान नेताओं ने संबोधित किया। सोयाबीन पंचायत पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक रही।
हर गांव से दो किसान बनेंगे आंदोलन में कोर्डिनेटर-
सोयाबीन पंचायत में ग्राम सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व सरपंच तुलसीराम पाटीदार को ग्राम सभा का सभापति मनोनीत किया गया। सोयाबीन पंचायत में तय किया गया कि आगामी आंदोलन करने के लिए प्रत्येक गांव से दो-दो किसान को प्रतिनिधि रूप में आंदोलन का कोर्डिनेटर बनाए जाएंगे जो आने वाले दिनों में आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। यह पहला ऐसा आयोजन रहा, जिसमें किसानों ने बड़ीं संख्या में भाग लिया। व खुद की लड़ाई खुद लड़ने का संकल्प लिया। सोयाबीन पंचायत में किसानों को भारी उत्साह देखने को मिला जो आने वाले आंदोलन का रूप लेता दिखाई दे रहा है। सोयाबीन पंचायत में बद्रीलाल पाटीदार,देवी लाल पाटीदार यशवंत सोलंकी, राकेश मेरावत, यशवंत पाटीदार, कैलाश रावल, मोहन माली,मनीषसिंह, दिलीप माली,दीपेश शर्मा,प्रकाश पाटीदार,नरेश पाटीदार,मनसुख जैन सहित अन्य के किसान उपस्थित है कराड़िया में सोयाबीन पंचायत में ग्राम बमोरा,बमोरी, जीरन, चीताखेड़ा राबड़िया, आसपुरा, महुड़िया, अरनिया चंदेल, लाछ, लख्मी, ग्वाल तालाब, ग्वाल देविया समेत आसपास से गांव के किसानों ने भाग लिया।