भरत कुमार पाटीदार पहले बने शिक्षाकर्मी फिर दिया इस्तीफा और अब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्‍त कर बढाया जिले मान
logo

REPORTER:
Desk Report


नीमच। होसलो को दिल में रख किया गया प्रयास अक्सर उंचाई पर ले जाता हैं और उड़ान भरने वाला शख्स एक न एक दिन अपना स्थान बना लेता है। इसी को द्रष्टीगत रख भरत पाटीदार ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर ग्राम जनकपुर का गौरव बढ़ाया है ।
जिले के ग्राम जनकपुर के भरत कुमार पाटीदार को इंदौर में पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया है। आपको बता दें महज 900 लोगों की आबादी वाला ग्राम जनकपुर कास्तकारी ग्राम होकर जिले के जावद उपखण्ड का ग्राम है। यंहा के कृषक बहुत उन्नत तकनीक की खेती करने में माहिर होकर फलों तथा औषधीय फसलों के साथ पंरपरागत खेती करते हैं।भरतकुमार पाटीदार का तात्कालिक दिग्गी राजा की कांग्रेस सरकार मे 1996 मे शिक्षाकर्मी के रूप में समीप के ग्राम मोरवन के सरकारी स्कूल चयन हुआ था। उसके बाद लगभग 7 वर्षो तक शिक्षाकर्मी के रूप में सेवा देने के बाद रिजाइन दे दिया था। उसके बाद से प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में आजाद पी थ्री अकैडमी की स्थापना कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवातें है।
श्रीपाटीदार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। पाटीदार का जन्म एक साधारण कृषक परिवार में जनकपुर ग्राम में हुआ था अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में प्राप्त की।
पी थ्री के माध्यम से अब तक 250 से अधिक विद्यार्थी प्रशासनिक सेवाओं में जा चुके हैं। श्रीपाटीदार आजाद पी थ्री  अकैडमी इंदौर के डायरेक्टर हैं तथा यहीं पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं ।
गौरतलब है कि भरत कुमार पाटीदार समय-समय पर अपने पैतृक गांव जनकपुर के आस पास के क्षेत्र के छात्रों को निशुल्क केरियर मार्गदर्शन भी देते रहते हैं। नीमच जिले के विद्यालयों में केरियर मार्गदर्शन हेतु निशुल्क उपलब्ध रहते हैं।
भरत पाटीदार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा अपने शोध पत्र इंदौर महानगर के कचरे की समस्या समाधान प्रबंधन एवं नियोजन विषय पर पीएचडी की उपाधि प्रदान की है।श्रीपाटीदार ने अपना शोध कार्य डॉक्टर संजय सोहनी एवं डॉ बीएल पाटीदार के मार्गदर्शन में किया श्रीपाटीदार की इस उपलब्धि पर जनकपुर दडोली के ग्रामीण जनों मे खुशी का माहौल है।

जीवन शैली