....देर किस बात की...
ऐ दिल्ली अब देर किस बात की
करता नहीं बात मे तो
किसी जात पात की ,
करता हु बात मे तो " पुलवामा " मे हुए आतकंवाद की ,
ऐ दिल्ली .......
कश्मीर ही नहीं अब तो धरती को,
आतंकवाद से मुक्त करना होगा ।
सेनाओं को कुठाराघाती
ठिकानों की ओर बढ़ना होगा।
जो आये सामने उससे भी लड़ना होगा,
आतंकवाद के शरणगाहो को जकड़ना होगा।
कश्मीर ही.......
उखाड़ फेंको जड़ ही विवाद कि।
सीमाएं टुटचुकीं अब तो उत्पात की ।
रंणबाकुरो को नही जरुरत किसी के साथ की ।
प्रतिक्षा है देश को , घातियों पर प्रतिघात की
ऐ दिल्ली देर किस बात की ...!
रचियता-----------
देवीलाल वैद्य सरवानिया महाराज
प्रधानाध्यापक शासकीय प्राथमिक विद्यालय मड़ावदा तहसील जावद