जरूर पढ़े :: सरवानिया का नेता दोगला गाजरा, संगठन को निपटाया, माननीय को धोखा दिया, फिर भी गाजरा सफेदपोश!, कार्रवाई से अब भी अछुता?, अब नये सपनें में ...पढ़े नीमच लाइव की यह खास खबर...
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REPORTER:
कमलेश जैन


सरवानिया महाराज। ‘गाजरा’ नगर का जाना-पहचाना, चर्चित और विवादित नाम हो चुका है और हमेशा अपनी उटपटांग हरकतों के कारण सुर्खियों में भी रहता है। ‘गाजरे’ ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में संगठन को निपटाया और विधानसभा चुनाव में माननीय को धोखा भी दिया और उन्‍हें हराने की पूरजोर व सुनियोजित तरीके से कोशिश भी की, इसकी प्रमाणित जानकारी पहुंचने के बाद भी ‘गाजरा’ नगर में सफेदपोश बनकर घूम रहा है और संगठन की कार्रवाई से अछुता होकर काले कारनामों को अंजाम दे रहा है।
सरवानिया महाराज से लेकर जिला मुख्‍यालय तक नगर का ‘गाजरा’ अपने चर्चित नाम और विवादित कार्यशैली की वजह से पहचाना जाता है। नगर का बच्‍चा-बच्‍चा यह जानता है कि ‘गाजरे’ को संगठन ने थोड़ी-सी सेवा के बदले खुब मेवा दिया, आवास योजना के लाभ के नाम पर तो इसने जमकर माल सुता और लोगो को बेवकूफ बनाया और साथ ही संगठन के बल पर सत्‍ता सुख भोगने का मौका दिया लेकिन पद से हटने के बाद ‘गाजरा’ संगठन की बदौलत मिले सत्‍ता के प्रतिसाद को भूल गया और नीचता पर उतर आया। ‘गाजरे’ ने नगर में विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, सभी में संगठन को निपटाने का काम किया और क्षेत्र के माननीय को जी भरकर धोखा दिया। इतना ही नहीं ‘गाजरे’ ने माननीय को हराने की पूरजोर तरीके से कोशिश की और उन्‍हें नुकसान भी पहुंचाया लेकिन माननीय के मैनेजमेंट के कारण ‘गाजरा’ अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सका। ‘गाजरे’ की इन हरकतों की सप्रमाण शिकायतें संगठन से लेकर सत्‍ता में बैठे लोगो तक पहुंची लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। नतीजतन ‘गाजरा’ नगर में सफेदपोश बनकर घूम रहा है और लोगों को और संगठन को नुकसान पहुंचाने की करतूतों को दिन-रात आज भी अंजाम दे रहा है। वहीं इसके उलट संगठन के समर्पित और निष्‍ठावान कार्यकर्ता चाहते हैं कि धोखेबाज ‘गाजरे’ पर कठोर कार्रवाई कर संगठन ऐसे दोयम दर्जे के व्‍यक्ति को बाहर का रास्‍ता दिखाएं ताकि आगे से कोई भी संगठन को चुनौती देने की हिम्‍मत न जुटा सके। फिलहाल तो अंदर खानों की माने तो ये अपनी नई जुगाड़ में सांसद प्रतिनिधि बनकर काले कारनामें की दुकान चलाने की गोटीया बिठानें की जुगत में है ।
पहले रूंडी में जमीन का खेल करने की कोशिश, फिर बिगाड़ने की, अब खामोश-
सरवानिया महाराज नगर में राजस्‍व विभाग बेबस नजर आया है क्‍योंकि नगर का कोई नक्‍शा राजस्‍व विभाग के पास नहीं है। यहीं कारण है कि नगर के समीप रूंडी की जमीन का खेल करने के लिए ‘गाजरे’ ने कोशिश की और जब खेल नहीं बना तो खेल को बिगाड़ने पर आमादा हो गया और ‘बलवान’ की अपरोक्ष धमकी के बाद अब ‘गाजरा’ खामोश हो चुका है और दूसरों के कांधें पर बंदुक रखकर चलाने की कोशिश कर रहा है, जिसकी जानकारी ‘बलवान’ को भी है। वहीं दूसरी ओर रूंडी की जमीन का खेल कागजों में भी जम चुका है फाइनेंसर भी मोरवन से मिला है .......... लेकिन इस खेल के पूरा होने पर असमंजस के बादल मंडरा रहे हैं। सरकारी फाइल के आधार पर नामजद पूरी कहानी जल्‍द आप नीमच लाइव पर पढ़ेगें ।
सुत्रों की माने तो ये बलवान के सामने ये कसमें खाकर भी अपने आप को साफ साबित करने की जुगत में है जबकि सब खेल बिगाडने वाला भी यही है । ऐसा नही है कि सरवानिया में जमीन के इस तरह नंबरो के इधर से उधर का ये कोई नया मामला है । गाजरा के कार्यकाल में इसने ऐसे कई मामलों को अंजाम देकर मोटा माल कमाया है । जल्‍द इसके सभी कारनामें नीमच लाइव पर जानेगें ।
फिलहाल तो सबसे बड़ा सवाल यही है आखिर संगठन इससे दबा हुआ क्‍यों है ?, खुलेआम जिसने माननीय से लेकर संगठन के खिलाफ काम किया उसके काले कारनामों पर आश्रय क्‍यों ?, आज भी विरोधियों से मिलकर संगठन के खिलाफ साजिशें रचने वाले इस गाजरे पर कार्यवाही कब ?

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