क्या अब भाजपा 400 का लक्ष्य असंवैधानिक तरीके से करेंगी पार- नवीन कुमार अग्रवाल 
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REPORTER:
Desk Report


  • वर्तमान परिस्थितियों में आमजन को तानाशाही हटाकर लोकतंत्र बचाना है। 

नीमच/मंदसौर। भाजपा अर्थात एनडीए गठबंधन ने इस बार के लोकसभा चुनाव में 400 पार  का नारा दिया और उसके लिए पांच साल से पूर्व ही ईडी को ताकतवर बनाकर विपक्षियों के ऊपर हथियार के रूप में इस्तेमाल करने  के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसोधन धारा 17 (तलाशी और गिरप्तारी ) और धारा 18 (व्यक्तियों की तलाशी ) की उप धारा (1 ) के प्रावधानों को हटाना है, इन प्रावधानों के अनुसार पीएमएलए एक्ट के अंतर्गत अधिसूचित अपराधों में से किसी भी अपराध में जाँच करने में सक्षम एजेंसी द्वारा दर्ज प्राथमिक रिपोर्ट या चार्जशीट का होना  आवश्यक था।  साथ ही धारा 45 में एक स्पष्टीकरण को जोड़ा गया है जिसके अनुसार पीएमएलए के अधीन सभी अपराध संघये और गैर जमानती होंगे जिससे ईडी को कुछ शर्तो के अधीन बिना किसी वारंट के अभियुक्त को गिरप्तार करने का अधिकार  है जैसे संसोधन  जानबूझकर किये गए ताकि समय आने पर विपक्ष के नेताओ को जेल  में डाला जा सके और उसकी प्रमाणिकता है की असंवैधानिक रूप से आज सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया ,सजय सिंह ,अरविन्द केजरीवाल , सोरेन जैसे विपक्ष के कदावर नेताओ को झूठे आरोप लगाकर इसी नियम के तहत जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया  गया और जो  वास्तविक भ्रस्टाचारी डर गए उन्हें भाजपा में शामिल कर भ्रस्टाचार के आरोपों से मुक्ति दे दी गई  और जब लक्ष की प्राप्ति फिर भी भाजपा को  असंभव  प्रतीत हुई  तो अब प्रत्याक्षियों के ऊपर  दबाव बनाकर फॉर्म उठवाये जा रहे है ताकि चुनावी रेस में एक ही पार्टी भाजपा अपने लक्ष्य को लेकर  सरपट दौड़  सके। उक्त  कटाक्ष आप के लोकसभा प्रमुख नवीन कुमार  अग्रवाल ने भाजपा पर करते हुए  उक्त कृत्यों के खिलाफ कटु निंदा की है।

अग्रवाल ने कहा कि ईडी ,इनकम टैक्स, सीबीआई के छापो और असंवैधानिक गिरप्तारीयो के साथ ही बैंक खातों को अस्थाई रूप से बंद करने से भी इण्डिया गठबंधन घबराया  नहीं तो भाजपा ने अपने लक्ष्य  प्राप्ति के लिए विपक्ष के प्रत्याक्षियों के ऊपर  दबाव बनाकर फॉर्म वापस लेने का सिलसिला चालू कर दिया ताकि लक्ष्य  की प्राप्ति असंवैधानिक रूप से पूर्ण हो सके।  इसकी प्रमाणिकता  है की पहले इण्डिया गठबंधन के प्रत्याक्षी का खजुराहो से फॉर्म   रद्द करवाया गया फिर गुजरात के सूरत में दबाव बनाकर फॉर्म वापस करवाया गया उसी प्रकार गांधीनगर के एक प्रत्याक्षी के ऊपर  दबाव बनाया गया  तो उसने अपना विडिओ वायरल किया अब प्रदेश के इंदौर  में ही  एक और इण्डिया  गठबंधन के प्रत्याक्षी  अक्षय बम का फॉर्म वापस उठवा लिया गया और उसका फोटो भी भाजपा विधायको के साथ शेयर किया गया।  आप इससे अंदाजा लगा  सकते है की देश में अब किस प्रकार की तानाशाही राजनीती चल रही है जो रसिया , चीन , बंगलदेश की तानाशाही  की और अग्रसर हो रही है जंहा स्वयंभू राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एक ही पार्टी के बने हुए है और विपक्षियों को या तो जेल में डाल  दिए गए  है या अज्ञात कारणों  के चलते उनकी मृत्यु हो गई है। 

अग्रवाल ने कह की यह वक्त आम जन के लिए सोचने  का वक्त है की क्या भारत भी उसी परिपाटी पर जा रहा है ? क्या भारत में भी आने वाले दिनों में चुनाव  महज एक औपचारिकता बन कर रह जायंगा जंहा बस विश्व समुदाय को बताने के लिए स्वयं  एक राजनैतिक दल  से ही बंगलदेश की तर्ज पर दो तीन उमीदवार खड़े कर दिए जावेंगे और उनमे से कोई भी जीते प्रधानमंत्री  जीवन प्रत्यंत एक ही रहेगा।  यह यक्ष प्रश्न  आज आमजन के लिए है की उन्हें बाबा साहेब का वास्तविक संविधान प्रदत लोकतंत्र चाहिए या तानाशाही ? वक्त है सोचने का मनन  करने का। 

अग्रवाल ने आमजन से अपील की है की अगर वास्तव में आप ऊँगली पर लगी स्याही जिससे आप  पार्षद , विधायक , सरपंच , जनपद सदस्य , सांसद  चुनकर भेजते है और वो जन प्रतिनिधि मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री चुनते है  और यह अधिकार  आमजन को भारतीय संविधान  ने दिया  है और अगर लोकतंत्र को भारत में अक्षुण रखना है तो वक्त है इस तानाशाही को विरोध कीजिये और विरोध नहीं कर सकते तो अपने मत का सही प्रयोग कर लोकतंत्र बचाने  के लिए वोट कीजिये। 

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