मोदी जी की स्तुति गान में किसानों के दुःख दर्द भूले सांसद-  जोकचंद्र
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REPORTER:
Desk Report


पिपलिया स्टेशन। संसदीय क्षेत्र से  गरीब मजदूर किसान पिछले 10 सालों से अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है, उनके लिए अफीम की फसल अभिशाप बन कर के युवाओं गरीबों मजदूरों किसानों पर कहर बरसा रही है, उक्त बात  मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े किसान नेता श्यामलाल जोकचंद्र ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहीं । जोकचंद्र ने कहा कि संसदीय क्षेत्र में कब किसी  निर्दोष  गरीब मजदूर किसान या आम आदमी को पुलिस एनडीपीएस एक्ट  की गंभीर धारा में पकड़ कर बंद कर दे पता ही नहीं चलता, आजादी के  बाद अन्नदाता किसान इस काले कानून से भयभीत है । मंदसौर  नीमच जिले की जेले बेगुनाह किसानों, युवा बच्चों से भरी पड़ी है,  जोकचंद्र ने आगे कहां कि मंदसौर के तत्कालीन एसपी मनोज सिंह जी ने  स्वयं पत्रकार वार्ता कर के डोडाचुरा में उपयोग की जाने वाली धारा 8/15 को समाप्त करने के लिए सरकार को पत्र तक लिखा था, उन्होंने तर्क दिया था कि डोडाचूरा में 00.2 प्रतिशत से भी कम मात्रा में मार्फिन है जो मार्केट में मेडिकल स्टोर पर डॉक्टर की सलाह से मिलने वाली नशे की गोली से कम है,  ऐसे में डोडाचूरा के वेस्ट मटेरियल कचरे पर किसानो को फसाने वाली यह धारा समाप्त होना चाहिए,  दुर्भाग्य से मंदसौर जिले के सांसद सुधीर गुप्ता ने इस पर एक शब्द नहीं  बोला, दस सालो में पंच से लगाकर प्रधानमंत्री तक भाजपा का बना हुआ है,  लेकिन अफसोस  किसानों की सुद लेने वाला कोई नहीं, एक जमाना था जब संसदीय क्षेत्र में अफीम की फसल होना गौरव की बात होती थीं, अफीम पट्टा किसान को मान सम्मान दिलाता  था, लेकिन अब   सरकार की गलत नीतियों के कारण वही अफीम पट्टा किसान के जी का जंजाल बन गया,  क्षेत्र के हजारों बेगुनाह युवाओं को जेल में बंद कर दिया,  अफीम का लाइसेंस लेने के लिए खेती हितग्राही किसान  10 साल में पट्टा लेने  गया तो पट्टे को मोटी रकम रिश्वत में विभाग ने ली,  साथ ही नापने, नामांतरण करने से लेकर अफीम विभाग को जमा कराने तक की रिश्वत की मार किसान झेल रहा है, भाजपा सरकार के सांसद ने गदर मचा दिया,  किसान की कोई सुनवाई नहीं हूवी,  मार्फिन की मात्रा कम बताकर हजारों पट्टे हर साल काट कर सीपीएस पद्धति लागू करते हुवे लाखो मजदूरों को बेरोजगार कर दीया, हर साल लाखों मजदूरों का लुनाई चिराई से रोजगार मिलता था पर सांसद एक शब्द भी किसानो मजदूरों के हित में नहीं बोल पाए । सांसद मात्र मोदी की स्तुति गान में इतने मंत्र मुग्ध थे की किसानो की पीड़ा उन्हे दिखाई नहीं दी,  उन बेगुनाह माताओं की रोने पुकारने की चीख उन्हे सुनाई नहीं  दी जिनके  बेगुनाह बच्चों को  एनडीपीएस एक्ट के फर्जी प्रकरणों में फसाकर लाखो रुपए लूटे गए,  जेलों में भर दिए गए,  एक पर प्रकरण बनाकर कई लोगो से अवेध वसूली हुईं, परंतु सांसद मौन रहे,  नारकोटिक्स अधिकारी मिठाई के डिब्बे में करोड़ों रुपए रिश्वत लेकर जाते हुए  पकड़ा,  फिर भी सांसद  ने कोई आवाज नहीं उठाई,  अन्य प्रदेशों के न्यायधीशों  ने अफीम डोडाचूरा के फर्जी केस बनाने वाले पुलिस अधिकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज़ किया तो भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र मे उन अधिकारियों को पदोन्नत कर उन्हे सम्मान दिलाया।

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