झांतला :: दशा पर्व को लेकर महिलाओं में दिखा उत्साह, महिलाओं ने व्रत रखकर विधि-विधान से की पूजा-अर्चना, परिवार में खुशहाली की करी कामना ..... पढ़े पूरी खबर सतीश सेन कलम से
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सतीश सेन


सिंगोली । झांतला में गुरुवार को दशामाता पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसमें महिलाओं ने व्रत रखकर विधि-विधान से दशामाता की पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख सम्रद्धि, पारिवारिक दशा सुधारने सहितखुशहाली की कामना की।  माता पार्वती की स्वरूप दशा माता के पूजन का यह अवसर कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर गुरुवार को मिला जंहा सोलह श्रगार कर सुहागिन  महिलाए सुबह से  मंदिरों में पीपल के पेड़ के यंहा जुटी रही जंहा महिलाओं ने पूजा-अर्चना के बाद पीपल के वृक्ष की पूजा कर कच्चे सूत का धागा लपेटा। सुबह से ही दशामाता की पूजा-अर्चना का दौर प्रारंभ हुआ, जो दोपहर तक चला।
पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। अलसुबह से ही पीपल के वृक्ष के आस-पास पूजा के लिए महिलाओं का तांता लगा। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा की थाली सजाकर दशामाता की पूजा स्थल पर पूजा करने पहुंची। जहां पीपल के वृक्ष की कुमकुम, अक्षत, कंकू, अबीर, गुलाल, मेहंदी, दूध, दही, मिठाई, लच्छे से पूजा अर्चना की व पीपल के वृक्ष की परिक्रमा कर कच्चा सूत लपेटा।

श्रीमती साधना व ट्विंकल सैन ने बताया कि आज के दिन महिलाए दशामाता के लिए बेसन के गहने भी बनाती है । पीपल को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर पूजन करती है। कच्चे सूत का 10 तार का डोरा बनाकर उसमें 10 गांठ लगाई जाती है । फिर महिलाए पीपल के पेड़ के चारो ओर दस बार घूमती है । और उसके तने पर पवित्र सुति धागे को घुमाती हैं । इसके बाद महिलाए सामूहिक रूप से राजा नल ओर रानी दमियती की कथा भी सुनती है ।

झांतला नई आबादी स्थित भोलेनाथ मंदिर के समीप पीपल के वृक्ष के साथ अन्य स्थानों पर दशामाता की पूजा-अर्चना की गई।

 

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