कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने लगाए आरोप, सांसद-विधायक ने 1.40 करोड़ की पुस्तकों की राशि आवंटन में किया लाखों का भ्रष्टाचार 
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REPORTER:
Desk Report


  • दोगुना कीमत में खरीदी गई 1.40 करोड़ रु. की पुस्तकें, आवंटन के दौरान पुस्तकों की सूची भी साथ दी, बिना किसी मांग के किया गया आवंटन

नीमच। नीमच मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता ने सांसद निधि का उचित उपयोग नहीं कर बिना किसी मांग के लायब्रेरी पुस्तकों का आवंटन कर 50 प्रतिशत से अधिक का कमीशन का खेल किया है I यही हाल नीमच के विधायक दिलीप सिंह परिहार का भी है उन्होंने भी बिना किसी मांग के सरकारी विद्यालयों में पुस्तकों के लिए लाखों रुपये आवंटन कर दिए I सांसद सुधीर गुप्ता ने अपनी सांसद निधी से बीते 6 साल में नीमच जिले के विभिन्न स्कूल कॉलेजों में लायब्रेरी की पुस्तकों को खरीदने के लिए 95 लाख 25 हजार रूपए बांटे है, यही स्थिति विधायक दिलीपसिंह परिहार की भी है, जिन्होने भी 5 साल में नीमच विधानसभा के स्कूलों को किताबे खरीदने के लिए 46 लाख रूपए दिए हैं। राशि आवंटन के दौरान यह शर्त यह रखी गई थी कि जो सूची दे रहे हैं, उन्हीं पुस्तकों की ही खरीदी की जाए। हालात ये हैं कि जो पुस्तकें 600 से 700 रुपये में खरीदी गयी वही पुस्तकें ऑनलाइन बाजार में 200 से 300 रूपए में उपलब्ध है I अब इस भ्रष्टाचार के कौन जिम्मेदार है सांसद, विधायक या स्कूल....? क्योंकि जिले के किसी भी सरकारी स्कूल में पुस्तकालय नहीं है, जिसे देख स्पष्ट है कि पुस्तकें स्कूलों में धूल खा रही होगी । मुख्य बात यह है की इस 1.40 करोड़ रुपये के आवंटन की मांग किसी ने नहीं करी थी महज बड़े कमीशन के लिए यह खेल खेला गयाI 

यह आरोप कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगाया है । उन्होंने कहा कि जिले में सरपंच पार्षद एवं सांसद और विधायक निधि की मांग करते रहते है और यही विधायक सांसद राशि ख़त्म हो जाने का रोना रोते है I जहा सांसद और विधायक निधि से विकास कार्य होने थे उसमे से बड़ी राशि का सरकारी विद्यालय एवं गैर सरकारी महाविद्यालय में करोड़ों रुपये की पुस्तके आवंटन कर बड़ा कमीशन का खेल उजागर हुआ है I श्री बाहेती ने कहा की जिन सरकारी विद्यालयों में पुस्तके बांटी गयी है उन विद्यालयों में पुस्तकालय तक नहीं है I कमीशन का यह खेल एक साथ नहीं कर प्रतिवर्ष किया गया, प्रतिवर्ष बिना किसी मांग के 30 लाख रुपये की राशि पुस्तकें खरीदने के लिए जारी की गयी I ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि सांसद सुधीर गुप्ता नीमच जिले के स्कूलों में पुस्तकों को खरीदने के लिए जो लाखो रूपए दिए थे, वो उनका पुस्तकों का विद्यालय में क्या हो रहा है ? यही सवाल विधायक दिलीपसिंह परिहार पर भी लागू होता है। 

सांसद-विधायक ने जो सूची दी, उसी के अनुसार खरीदी गई पुस्तकें-

श्री बाहेती ने कहा कि जब मेरे पास तथ्यात्मक सबुत है की सांसद व विधायक ने अपनी निधी से किताबों को खरीदने के राशि जारी करने के साथ ही स्कूल और कॉलेज को किताबों की सूची भी दी गयी एवं प्रत्येक वर्ष जिनसे पुस्तके खरीदी गई वे प्रकाशक भी समान ही थे I विद्यालयों में पुस्तक खरीदी की समितिया बनाई गई थी, वह चाह कर भी बच्चों के लिए उपयोगी पुस्तकों को नहीं खरीद पाए और वो ही किताबे खरीदी जिसकी जानकारी सांसद व विधायक की सूची में थी । श्री बाहेती ने किताबों के लिए सांसद निधी से बीते 6 सालों में जारी राशि को लेकर कहा कि किताबे खरीदने के लिए सरकारी स्कूल-कॉलेज तो ठीक है, पर सांसद सुधीर गुप्ता निजी महाविद्यालयों तक को किताबों का क्रय करने राशि जारी कर दीI

सीधे दोगुना दाम में खरीदी गई पुस्तकें-

जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती कहा की मैंने खुद सांसद व विधायक निधि द्वारा आवंटित की गयी  पुस्तकों व लेखकों के नाम की सूची का अध्ययन किया और उन्हें गुगल एवं ऑनलाइन बाजार और अमेजोन एवं फ्लिपकार्ट पर खोजा तो अधिकांश पुस्तकें सूची में बताए गए दाम से सीधे आधे से भी कम दाम पर उपलब्ध हे, वह भी घर पहुंच सेवा तक। श्री बाहेती ने कहा कि जो पुस्तकें सरकारी स्कूलों में उपयोग विहिन है, उनका स्कूलों में सांसद-विधायक ने ढेर लगवा दिया है। अगर उसी रूपए का बीते 6 सालों में सांसद -विधायक सरकारी स्कूलों के फर्निचर के लिए करते, तो आज कलेक्टर को नीमच जिले के सरकारी स्कूलों में टाट पट्टी पर शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के लिए बेंचमार्क अभियान नहीं चलाना पड़ता। बाहेती ने कहा की यह आंकड़ा सिर्फ नीमच जिले का है जबकि मंदसौर जिले में भी अलग से ही खेल खेला गया । पुस्तक आवंटन में 50 फीसदी से अधिक कमीशन का खेल खेला गया एवं जनता के पैसों का दुरूपयोग किया गयाI

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