मूल कार्य के विपरीत जन शिक्षकों पर गैर विभागीय कार्यों का दबाव, कहीं बन न जाए गरोठ जैसे हालात ?,  बीआरसी  द्वारा अपने कार्य भी शिक्षकों से कराए जाने की  मिल रही जानकारी ?
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REPORTER:
Desk Report


नीमच ।  गत चुनाव के पहले से ही शिक्षा विभाग के हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं ।  जिले में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक शालाओं के मूल कार्यों व शैक्षणिक गतिविधियों पर कमांडिंग रखने की सबसे पहली सीढ़ी है जन शिक्षक ।  विगत कुछ समय से दबी जुबान जन शिक्षकों के द्वारा गैर विभागीय कार्यों एवं अपने मूल कार्य के विपरीत कार्यों के दबाव से आक्रोश पनपने की जानकारी मिल रहे हैं । 
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जावद विकास खंड के बीआरसी द्वारा अपने आईडी पासवर्ड के जरिए पोर्टल पर दर्ज होने वाली जानकारियां भी जन शिक्षकों से वेतन रोकने के दबाव के नाम पर कराये जाने की सूचना है । वहीं दूसरी ओर कई जन शिक्षक ऑनलाइन एंट्री का ना तो तकनीकी ज्ञान रखते हैं ना ही इसके लिए कोई ट्रेनिंग दी गई है  साथ ही गैर विभागीय कार्यों में व्यस्त होने का दबाव भी जन शिक्षकों पर मानसिक रूप से बना हुआ है ऐसे में जन शिक्षक अपने मूल कार्य को पूरी निष्ठा से नहीं कर पाने की बात भी दबी जुबान स्वीकार करते नजर आ रहे हैं ।  दूसरी ओर  अपने मूल कार्य  की बात करने पर बीआरसी द्वारा  वेतन रोकने तक की ऊपरी तौर पर धमकी दिए जाने की बात भी सामने आई है । वही बीआरसी द्वारा इस प्रकार की किसी भी स्थिति से नकार दिया गया है ।
अपने मूल कार्य के विपरीत कई जन शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ के साथ साथ आवास सर्वे, मीजल्स रूबेला अभियान  आदि जैसे गैर विभागीय कार्यो के लिए भी लगाई गई है ।  वहीं दूसरी ओर  जन शिक्षकों के द्वारा अपने मूल कार्य शाला दर्पण की पोर्टल पर इंट्री के साथ ही बीआरसी स्तर से की जाने वाली इंट्रीयो के कार्य जैसे एंड लाइन, मिडलाइन, बेसलाइन, ओलंपियाड आदि की इंट्री भी जन शिक्षकों के द्वारा की जा रही है । कुछ जन शिक्षकों के साथ चर्चा में सामने आया है कि जल्द ही  मूल कार्य के विपरीत कार्यों का दबाव कम नहीं होता है तो गरोठ की तरह ही लामबंद होकर जिले में जन शिक्षक सामूहिक इस्तीफे देने जैसा  मानस भी बना सकते हैं ।
इनका कहना 
कार्य का दबाव तो हो सकता है लेकिन इतना भी नही है । कुछ जन शिक्षक बीएलओ का कार्य कर रहे है लेकिन इस संबध में एसडीएम महोदय को अवगत करा दिया गया है । सामूहिक इस्‍तीफा देने जैसी कोई स्थितियॉं यहॉं नही है । - श्री चंदेल, बीआरसी जावद

लापरवाही