उप मुख्यमंत्री के इशारे पर पुलिस बना रही किसानों के खिलाफ डोडाचूरा के फर्जी प्रकरण- जोकचन्द
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REPORTER:
Desk Report


- कांग्रेस पार्टी ने गलत टिकिट दिए, इसका जवाब जनता ने दिया है- बौरासी

- एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15 व 8/29 को समाप्त करने सहित विभिन्न मांगों के निराकरण की मांग को लेकर निकाली रैली, सौंपा ज्ञापन

पिपलिया स्टेशन। एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/18 व 8/29 को समाप्त करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द्र के नेतृत्व में हजारों की संख्या में वाहन रैली निकाली। शुक्रवार को पावागढ़ माताजी मंदिर से शुरु हुई रैली मुख्य मार्ग होती हुई गांधी चौराहे पहंुची, यहां आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए जोकचन्द ने कहा एनडीपीएस एक्ट की धारा का दुरुपयोग हो रहा है। डोडाचूरा में मार्फिन की मात्रा, मेडीकल से मिलने वाली नशे की गोली से भी कम होती है, उसके बावजूद डोडाचूरा को एनडीपीएस एक्ट में शामिल कर रखा है, क्षेत्र के हजारों युवा डोडाचूरा प्रकरण में जेलों में बन्द है, यहां से चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधि किसानों पर फर्जी केस बनवाकर लाखों रुपए वसूल रहे है और यही पैसा चुनाव में धार्मिक स्थानों पर बांटकर चुनाव जीत जाते है। विधानसभा क्षेत्र का दुर्भाग्य है यहां से चुनाव जीतने वाले उप मुख्यमंत्री के इशारे पर ही पुलिस बेगुनाह किसानों पर फर्जी प्रकरण बना रही है। युवाओं को पुलिस तस्करी के लिए प्रेरित कर पकड़कर जेलों में बन्द कर रही है। यह धारा जब तक समाप्त नही हो जाती, तब तक किसानों के हित में लड़ाई जारी रहेगी। एक भी व्यक्ति पर फर्जी केस नही बनने देंगे और डोडाचूरा के फर्जी प्रकरण बनाने का पूरजोर तरीके से विरोध करेंगे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजीत बौरासी ने कहा हम हर वर्ग की लड़ाई लड़ रहे है, किसान, मजदूर, गरीब वर्ग को उनका अधिकार नही मिलेगा तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। श्यामलाल जोकचन्द द्वारा किसानों के लिए लड़ी जा रही लड़ाई में हम कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहेंगे। बोरसाी ने कहा जोकचन्द को आप अकेला नही समझे, प्रदेश के जो 46 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे, वे सभी श्यामलालजी के साथ है। बौरासी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने गलत टिकिट दिए, इसका जनता ने जवाब दे दिया है, आमजन के हित में हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कृषि मंडी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश पटेल ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15 व 8/29 के संशोधन को लेकर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान व क्षेत्र के विधायक व उपमुख्यमंत्री ने जो वादा किया है, उसे निभाना पड़ेगा, अन्यथा हम सड़क पर इसकी लड़ाई लड़ेंगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान, मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्रवासी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पार्षद प्रतिनिधि भूपेन्द्र महावर ने किया।
मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन-

सभा के बाद तहसीलदार ब्रजेश मालवीय को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम विभिनन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें कि मादक पदार्थ को लेकर एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में विसंगति है। डोडाचूरा पर धारा 8/15 लगाई जाती है, जबकि इसमें मार्फिन की मात्रा 00.2 से भी कम है। जबकि मार्केट में नशे की गोली मेडीकल स्टोर पर बिकती है, जिसमें 00.5 मार्फिन की मात्रा होती है, एसे में पुलिस व नारकोटिक्स किसी भी व्यक्ति को डोडाचूरा में पकड़ती है, तो उस पर धारा 8/15 लगा देती है, इस धारा में बन्द व्यक्ति 10 साल तक जेल में बन्द रहता है, उसका परिवार बर्बाद हो जाता है वहीं पुलिस द्वारा इस प्रकरण में डोडाचूरा देने वाले व लेने वाले से लाखों रुपए की वसूलियां की जाती है। यह धारा पुलिस के लिए कमाई का जरीया बन चुकी है। पुलिस व नारकोटिक्स खुद मादक पदार्थ का खरीददार बनकर किसानों को तस्करी के लिए प्रेरित करती है और बाद में उन्हें पकड़कर फर्जी केस बना देती है। ज्ञापन में आगे बताया कि तत्कालीन मंदसौर एसपी रहे मनोजकुमारसिंह, जो वर्तमान में डीआईजी रतलाम है, उन्होंने भी धारा 8/15 को समाप्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा था। यह धारा किसानों के लिए काला कानून है, इसे तत्काल समाप्त की जाना आवश्यक है। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी दलौदा में आयोजित सभा में धारा 8/15 में संशोधन का वादा किसानों से किया था। वहीं मल्हारगढ़ विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचत हुए उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी अपने घोषणा पत्र में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/15 में संशोधन का वादा किया था। ज्ञापन में आगे बताया धारा 8/29 को भी हटाया जाना चाहिए। क्योंकि एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29  भी पुलिस के लिए केवल कमाई का माध्यम है, इस धारा का डर बताकर किसानों से लाखों रुपए की वसूली होती है। 8/18 में पकड़ाए आरोपी से पूछताछ की जाती है, इसमें पकड़ाया आरोपी किसी भी व्यक्ति का नाम लेता है तो पुलिस उसे परेशान करती है व वसूली करती है, रुपए नही देने पर उसके खिलाफ केस बना दिया जाता है, वहीं इस धारा में भी कई बेकसूर लोगों पर फर्जी केस बना दिया जाता है। मंदसौर-नीमच जिले सहित सीमावर्ती जिलों में भी एनडीपीएस एक्ट के तहत हजारों बेगुगाह युवा बन्द है, उनका परिवार बर्बाद हो चुका है। अतः किसान हित में यह दोनों धाराएं 8/15 व 8/29 विलोपित किया जाए।  ज्ञापन में आगे बताया किसान पिछले कई वर्षों से रोजड़ों की समस्या से परेशान है, रोजड़े फसलों को काफी नुकसान पहंुचा रहे है, हर बार रोजड़ों को पकड़ने के लिए आश्वासन दिया जाता है, लेकिन पकड़ा नही जाता है। रोजड़ों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, अगर समय रहते इन्हें नही पकड़ा गया तो इनकी संख्या और बढ़ेगी, किसानों को खेती करना मुश्किल हो जाएगा। ज्ञापन में आगे बताया मोगिया समाज के लोगों को एसटी (अनुसूचित जनजाति) के प्रमाण-पत्र जारी नही किए जा रहे है। इस कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मोगिया समाज अनुसूचित जनजाति में शामिल है, लेकिन मल्हारगढ़ का राजस्व विभाग द्वारा उन्हें अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र वितरित किये जाते है। मोगिया समाज का व्यक्ति कोई जमीन बेचना चाहता है तो उसे अनुसूचित जनजाति का बताकर रोक लगा दी जाती है, जबकि प्रमाण-पत्र लेने जाते है तो अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र दिया जाता है, यह विसंगति दूर होना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया   राजस्थान की पुलिस एनडीपीएस एक्ट के नाम पर मंदसौर संसदीय क्षेत्र के लोगों को परेशान किया जा रहा है। राजस्थान के थाना क्षेत्रों की पुलिस रात्रि में कभी भी पहंुचती है और स्थानीय पुलिस को भी सूचना नही देती है और किसी भी व्यक्ति को एनडीपीएस एक्ट में नाम होने की बोलकर उठाकर ले जाती है। बाद में पकड़ाए व्यक्ति के परिजनों से लाखों रुपए की मांग की जाती है। पुलिस बिना नम्बर का वाहन लेकर आते है और वर्दी में भी नही रहते है, एसे में विरोधाभास की स्थिति निर्मित हो जाती है।  अतः बेवजह किसानों को एनडीपीएस एक्ट के नाम पर परेशान करना बन्द किया जाए। किसी भी व्यक्ति को ले जाने से पहले स्थानीय पुलिस व संबंधित गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति को बताया जाए। अन्यथा ग्रामीणों को पुलिस का विरोध व आन्दोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

विरोध प्रदर्शन