ब्रेकिंग :: सरवानिया के सरकारी स्‍कूल में प्राइवेट कालेजो का प्रचार प्रसार!, नाम दिया करियर काउंसलिंग, सीएम के प्रोग्राम में तोड़ी बाउंड्रीवाल अब तक रिपेयर नही, पढ़ाई के स्‍थान पर अव्‍यवस्‍थाओं का बढ़ता दायरा, ये बोले डीईओं ....... पढ़े पूरी खबर
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REPORTER:
कमलेश जैन


सरवानिया महाराज । सरवानिया महाराज के हायर सकेण्‍डरी स्‍कूल विगत कुछ समय से पढ़ाई के स्‍थान पर अव्‍यवस्‍थाओं का पर्याय बनता जा रहा है । पिछले एक लंबे समय ये देखने में आ रहा है कि कभी कोई नेताजी, तो कभी कोई, कभी मंडल तो कभी कमंडल के कार्यक्रम में छात्रों का समय दिया जाता रहा है । अव्‍यवस्‍थाओं के हाल आप इससे समझ सकते है कि सीएम के कार्यक्रम के लिए तोड़ी गई बाउंड़ीवाल अब तक रिपेयर नही हो सकी है, सभी नेता नगरी अपने कार्यक्रम को निपटाने के बाद कभी झांक कर नही देख पाई कि बाउंड्रीवाल के कारण किसी तरह से अव्‍यवस्‍थाएं बन रही है । जब इस बात पर सीएमओं राजेश गुप्‍ता से जानकारी चाही तो उन्‍होनें अभी चुनाव होने और कर्मचारी नही होने का हवाला देते हुए बताया कि जल्‍द ही इसे रिपेयर कराया जाएगा ।
अनुशासन और मोरल एज्‍युकेशन के प्रति शि‍क्षकों की गंभीरता बिरले ही देखने को मिल रही है । पढ़ाई के प्रति गंभीरता को बच्‍चों के बीच के न रख पाने के की स्थिति को केवल छात्रों पर ही ढकेल दिया जाए यह समझ से परे है । बावजूद इसके शिक्षकों के पास अपने अलग ही बहानें है ।

प्राईवेट कालेज का प्रचार प्रसार, नाम करियर काउंसलिंग
आज सरवानिया के हायर सकेण्‍ड्ररी स्‍कूल में करियर काउंसलिंग के नाम पर जिले के एक प्राइवेट कालेज का बकाया डिजीटल बोर्ड लगाकर प्रचार प्रसार ही नही किया गया बल्कि अंत अपने पर्चे भी बांटे गए । करियर काउंसलिंग शब्‍द का पूरा मखौल उडाते हुए कतिपय स्‍टाफ के लोगो ने अपने यहां संचालित कोर्स व उनके फायदे गिनाते रहे । करियर काउंसलिंग के नाम पर इस प्रकार की गतिविधि हैरान करने वाली होने के साथ ही प्रभारी प्राचार्य श्रीमती स्‍मिता नागदा से जब इस इस बारे में पूछा गया गया तो उनका कहना था कि इसमें क्‍या हो गया यह तो पहले से चलता आ रहा है ।
करियर काउंसलिंग को लेकर जब इसके एक्‍सपर्ट से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि इसमें किसी भी एक विशेष कालेज आदि का प्रचार प्रसार का कोई स्‍थान नही होता है । इसमें छात्र से चर्चा कर उसके साथ उसकी रूचि जानने, उन्‍हे उनकी रूची के अनुसार सभी प्राकर के विकल्‍पों रख सही मार्गदर्शन देने का कार्य इस स्थिति में होना चाहिए कि उसे न्‍यूनतम खर्च पर बेहतर शिक्षा प्राप्‍त हो । वही इसके विपरीत इस प्रकार के प्राइवेट कालेज करियर काउंसलिंग के नाम पर अपना बेनर तानकर और अपने पर्चे बांटकर अपनी दूकानदारी बखूबी चला रहे है । अब इसमें देखने वाला विषय होगा कि इस प्रकार के मामलो को जिले के अधिकारी कितना गंभीरता से लेते है या फिर वहां पर सब कुछ सेट है वाली बात देखने को मिलती है ।
इस संबंध में जब जिला शिक्षाअधिकारी सीके शर्मा जी से इस संबंध बात करी तो उन्‍होने दिखवाने की बात कही ।

लापरवाही