जावद/नीमच। विधानसभा चुनाव 2018 में जावद विधानसभा क्षेत्र में समंदर पटेल की बगावत के कारण तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार अहीर को बड़ा नुकसान हुआ था और इस चुनाव में समंदर पटेल के लगभग 30 हजार से अधिक वोट लाने के कारण कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार अहीर, भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सकलेचा से महज 4 हजार 271 वोटों से हार गए थे। इस बार समंदर पटेल कांग्रेस प्रत्याशी है और राजकुमार अहीर बगावत करने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या राजकुमार अहीर, समंदर पटेल से साल 2018 का हिसाब चुकता करेंगे?
जिले की जावद विधानसभा सीट को मप्र की अंतिम विधानसभा सीट माना जाता है। यह विधानसभा क्षेत्र काफी मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा भी चुने जाते रहे हैं और इस बार उनके पुत्र व मप्र सरकार में केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा पांचवीं बार मैदान में हैं और वे चार बार यहां से विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर हमेशा बागियों की मौजूदगी रही है लेकिन एक बार भी किसी भी राजनीतिक दल अथवा निर्दलीय प्रत्याशी ने सफलता अर्जित नहीं की है।
साल 2018 में जावद विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला रहा। भाजपा ने ओमप्रकाश सकलेचा और कांग्रेस ने राजकुमार अहीर को प्रत्याशी बनाया था लेकिन कांग्रेस के बागी के रूप में तत्कालीन सिंधिया समर्थक व इंदौरी नेता समंदर पटेल ने जाति समीकरण के आधार पर कांग्रेस से बगावत कर दी थी और कांग्रेस के बागी निर्दलीय प्रतयाशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। बागी समंदर पटेल को 30 हजार से अधिक वोट मिले थे और उनके कारण कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार अहीर, भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश सकलेचा से सिर्फ 4 हजार 271 वोटों से चुनाव हार गए थे। इस परिणाम के बाद चर्चा थी कि यदि समंदर पटेल ने बगावत नहीं की होती तो ओमप्रकाश सकलेचा को हराकर राजकुमार अहीर जावद विधानसभा सीट को कांग्रेस की झौंली में डाल चुके होते लेकिन पटेल की बगावत के कारण ऐसा नहीं हो सका।
अबकी बार भाजपा ने पांचवीं बार ओमप्रकाश सकलेचा को प्रतयाशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने पूर्व सिंधिया समर्थक व कांग्रेस के ही पूर्व बागी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए समंदर पटेल को मैदान में उतारा है। वहीं मप्र में कांग्रेस पार्टी की कमान पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के हाथों में हैं जो कि राजकुमार अहीर के आका है। इसके बावजूद राजकुमार अहीर ने बागी प्रतयाशी के रूप में नामांकन भरने का फैसला लिया। राजकुमार अहीर के इस फैसले पर लोगों को यकीन नहीं हो रहा है। यहीं कारण है कि समूचे जावद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के मन में एक सवाल है कि क्या राजकुमार अहीर सच में एक बार फिर कांग्रेस से बगावत करेंगे और क्या वे समंदर पटेल से साल 2018 में अपनी हार का हिसाब चुकाता करेंगे?
जनता के इस सवाल का जवाब 30 अक्टूबर सोमवार को राजकुमार अहीर के नामांकन भरने अथवा नहीं भरने की स्थिति में होगा और इस पर अंतिम मोहर 2 नवंबर की शाम 5 बजे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की अंतिम सूची के प्रकाशन के साथ लगेगी, तब इस तरह के सवाल लोगों के मन में बने रहेंगे।
क्या साल 2018 में हुए नुकसान जिम्मेदार समंदर पटेल से हिसाब चुकता करेंगे राजकुमार अहीर..?...पढ़े नीमच लाइव के प्रबंध संपादक कमलेश जैन की कलम से यह खास खबर...
REPORTER:कमलेश जैन

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