गैर जिम्‍मेदार शिक्षा विभाग या सिस्‍टम ?, नये तकनीकी प्रेक्टिकल में उलझी नामांकन प्रक्रिया ..... तीन माह की उलझन के बाद नये आदेश जारी फिरभी एमपीआनलाईन पर नही शुरू हो पाया नामांकन कार्य .... आनेवाली है फिर छुट़ीया .... शिक्षक से लेकर कियोस्‍क परेशान ..... पढ़े पूरी खबर
logo

REPORTER:
Desk Report


नीमच । बच्‍चों को बेहतर शिक्षा के परिणामी फोकस के अलावा शिक्षा विभाग हमेंशा कुछ ना कुछ प्रेक्टिकल करने में ही उलझा रहता है । कभी कभी तो इन जिम्‍मेदारों की कार्यशैली को देखकर लगता है कि इस शिक्षा विभाग का नाम प्रायोगिक विभाग रख दिया जाना चाहिए ।
पूरे प्रदेश में हर वर्ष की तरह माशिमं ने करीब 10 जुलाई से बोर्ड परीक्षा आवेदन फार्म एवं कक्षा ९ वी के छात्रों का नामांकन कार्य प्रारंभ कर दिया । इस वर्ष एक नवीन प्रयोग करते हुए इस नामांकन कार्य को समग्र आईडी से लिंक कराते हुए अनिवार्य रूप से नामांकन के लिए छात्र का डेटा समग्र पोर्टल से उठाना शुरू किया ।
जमीन पर यह बात हर आम खास को पता है कि समग्र आईडी के डेटा में सैंकड़ो गलतिया मौजुद है लेकिन यह बात जिम्‍मेदारों को समझ में नही आई और पिछले तीन माह से पालको व शिक्षकों को इस नामांकन प्रक्रिया में चक्‍करघिन्‍नी बनाकर रख दिया और कार्य की प्रगति वही की वही । परेशान शासकीय व अशासकीय स्‍कूल प्राचार्यो ने मंडल को पत्र पर पत्र लिखे और तीन माह बाद कार्य प्रगति नही होते देखे मंडल को गंभीरता का संभवतया संज्ञान हुआ ।
हाल ही में मंडल द्वारा 13 अक्‍टूबर को नये आदेश जारी करते हुए नामांकन प्रक्रिया को पूर्व वर्ष की भांति कर दिया गया और समग्र आईडी से डेटा लेने कि अनिवार्यता को समाप्‍त करते हुए आदेश प्रसारित दिया गया साथ ही यह भी अल्‍टीमेटम दे दिया कि अंतिम तारीख 30 अक्‍टूबर ही रहेगी । इस आदेश को प्रसारित होने के आज 5 वे दिन समाचार लिखे जाने तक भी ओदश के पालन में एमपीआनलाईन पोर्टल पर आदेश अनुसार नामांकन कार्य प्रारंभ नही हो पाया है । इधर शिक्षक से लेकर कियोस्‍क परेशान होकर जिम्‍मेदारों की कार्यशैली को समझ से ही परे बता रहे है । हालांकि यह संभावना बताई जा रही है कि यह कार्य आदेश के अनुसार आज प्रारंभ हो सकता है । लेकिन इस बात में कोई संशय नही है कि सामान्‍य रूप से शिक्षा विभाग से त्रुटि रहित डाटा प्राप्‍त कर समग्र के साथ साझा कर दिये जाने की एक प्रक्रिया को पूरी तरह से उलझा कर रख दिया और इन सब का खामियाजा अपनी रोजी रोटी की मजदूरी छोड़ उस डेटा को दुरूस्‍त कराने में चक्‍कर घिन्‍नी बनकर उस पालक छात्र के पिता ने चुकाया जिसने ना तो समग्र के डेटा में स्‍पेलिंग लिखाई ना आधार में ।

लापरवाही