सरवानियॉं पुलिस से पडे पाला तो हो जाये सावधान : इंसाफ की चोखट पर मन्नालाल गाड़ीलुहार के साथ हुई नाइंसाफी, मामला एसपी साहब की अदालत में फिर भी गरीब पर चला दिया कार्यवाही का डंडा ……… इस नंबर दो के खाकी वाले के खिलाफ जनता में बढ रहा है आक्रोश
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REPORTER:
Desk Report


सरवानिया महाराज। अवैध खनन माफिया के रेती के डम्परों और ट्रालों को तीन सो और पांच  सो रुपये की सेंटीग कर इंट्री फिस लेकर चोकी क्षेत्र पार कराने वाली जिले की पुलिस चोकी सरवानिया महाराज जिसे लोग इंसाफ की चोखट कहतें हैं उस पर नगर के मन्ना लाल गाड़ीलुहार के साथ नाइंसाफी की गई और ये ना इंसाफी और किसी ने नही बल्कि खुद पुलिस चोकी के एक जिम्मेदार ने की ।
बताते हैं गाड़ी लुहार बस्ती में मकान निर्माण का ठेका एक मनासा हासंपुर के व्यक्ति को मय माल मटेरियल के दिया था। मकान में लगने वाला सामान तथा बारसोद (लकड़ी की चोकट) भी ठेकेदार के जिम्मे थी। लेकिन गांव का लकड़हारे ने मन्ना की लकड़ी की उन चोकटो को लेकर चोकी पर रिपोर्ट कर दी पुलिस ने आव देखा न ताव मन्ना पर 151 कर दी। ये तो वो घटनाक्रम है जो सीधे साधे मन्ना लाल के साथ इंसाफ की चोखट पर घटा, पर इसके पिछे की कहानी  मन्नालाल अब गांव में हर कही  कह रहा है की गांव का ये लकड़हारा किसी शकुनि से कम नही है। इस शकुनि और पुलिस का चोली दामन का साथ है। यंहा जो भी पुलिस चोकी प्रभारी आता है वो इसके कमरे में किराए रहता है जिसके चलते ये गांव में पुलिस का अघोषित मुखिया बनता फिरता है और इसी के दबाव में चोकी के नबंर दो ने इस मन्नालाल पर जुल्म ढाया और बिना किसी जांच पड़ताल के बेकसूर को सिंखचो के पिछे डालने का गौड़ा गुथा गया। मन्नालाल गांव के इस लकड़हारे के यहां सामान लेने ही नहीं गया और फर्जी बिल बताकर पुलिस ने उसे मुजरिम बना दिया। जबकि अवैध रेती के ट्रालों को रुपये लेकर निकालने वाली चोकी पुलिस मे गाड़ोलिया बिरादरी के लोगों की तरफ से कोई दर्जन भर शिकायतें कर रखी है पर उस पर कार्रवाई मे दिलचस्पी की बजाय गरीबों के साथ ठगी करने वाले के प्रति रहमदिली रखी गई है। इंसाफ की चोखट पर चोर को डाटने के बजाय कोतवाल बेचारे गरीब दुबड़ो को डाट कर चमड़ी उदेड़ने का काम कर रहा है।
सेकड़ो रिर्पोटे खा रही धुल
लोगों के साथ घटी घटनाओं की यंहा सेकड़ो रिर्पोटे ऐसी है जिन पर कार्रवाई छोड जांच तक नहीं हुई। अभी अभी का ताजा मामला है जिसमें एक सप्ताह पहले फरियादी द्वारा रिपोर्ट कर रखी थी पर पुलिस ने उस पर कार्यवाही नही की तो उस आरोपित ने रसुख के दम पर एक महिला के सर मे गंभीर चोट पहुंचा दी और वो महिला जीवन और मौत से उदयपुर के निजी अस्पताल में सघर्ष कर रही हैं । अगर पुलिस ने कदम उठाया होता उन लोगों को पाबंद किया होता तो ये घटना नही घटती। लेकिन यहां तो बेकसूरों को जेल भेजने का काम चोकी पर पदस्त ये नबंर दो करता नजर आ रहा है।
कास्टेबल मोटरसाइकिल से ट्रालों के पिछे
चोकी प्रभारी के पास काम का लोड रहता है और नबंर दो बेकसूर लोगों को जेल भेजने की कार्यवाही में दलालों के इशारे पर लिप्त रहता है। चोकी पर काम के लोगों की अपेक्षा दलाल बैठे नजर आतें है। कास्टेबलो को दिन भर अवैध रेती के डंपरों से उगाई का काम कराया जाता है। वो बेचारे ट्रालों के पिछे बावरे रहते हैं। रेती के ट्राले के आतेे ही इंट्री फिस के लिए कास्टेबल मोटरसाइकिल पर सवार होकर ट्रालों के पिछे देखे जाते हैं और कई बार डायल 100 का भी उपयोग करते देखे जाते है । तीन सो रुपये की इंट्री फीस लेने ये कास्टेबल नेवड सेमली चंद्रावत मोरवन बांडी खारी तक पिछा करते देखे जाते है। पहले अवैध रेती के ट्रालों से पैसा लेने के चक्कर में एक पुलिस कर्मी ट्राले के अगले हिस्से से जा टकराया था उसका कई दिनों तक उदयपुर में इलाज चला हालाकि पुलिस ने इसे अलग ही दुर्घटना की रूप लिया ।

लापरवाही