शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने से हौंसले बुलंद, आखिर डॉ.अभिषेक तिवारी पर क्यों मेहरबान है स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन
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REPORTER:
Desk Report


  • मामला डॉ.अभिषेक तिवारी द्वारा अमानवीयता व दादागिरी करने का,  जाँच समिति कर रही लीपापोती
  • आयुष्मान कार्ड को देखते ही क्यों आग बबूला हो जाता है डॉक्टर तिवारी
  • पीड़ितों के हित में चल रही योजनाओं की धज्जियां उड़ा रहा डॉक्टर तिवारी

नीमच। चौधरी नर्सिंग होम के लिए अपवाद बनते जा रहे डॉक्टर अभिषेक तिवारी पर शिकायतो के बाद कोई कार्यवाही नहीं होने के चलते उसके हौंसले बुलंद है जिसके चलते अब वो खुले आम पीड़ित मरीज व उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे है। हालत ये हो रहे है की अब डॉक्टर तिवारी डॉक्टरी नियमों (स्वास्थ्य सेवा के लिये बनाये नियमों) के विपरीत जाकर मरीजों व उनके परिजनों के साथ अनीति करने पर तुले है। शहर का निजी चिकित्सालय चौधरी नर्सिंग होम एक समय पीड़ित मानवता के क्षेत्र में मिसाल था, जब से डॉक्टर तिवारी के कदम यहां पड़े तब से लोगो का विश्वास चौधरी नर्सिंग होम से उठने लगा है जब की डॉक्टर लालबहादुर चौधरी को पीड़ितो का मसीहा कहा जाता है लेकिन डॉक्टर तिवारी के कार्यकलापों ने उनके चौधरी नर्सिंग होम की सेवा पर भी प्रश्न चिह्न लगा दिए है। जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार तो इमरजेंसी में मरीज को किसी भी समय डॉक्टर को देखना ही है लेकिन अपवाद रूपी डॉक्टर तिवारी इमरजेंसी में भी उसकी मर्जी पर निर्भर होता है उसकी मर्जी होती है तब ही वह मरीजों को देखता है । जब की कोरोना कॉल में सेवा को व्यवसाय बनाकर पीड़ित जरूरतमंदों को बेहिसाब तरीके से आर्थिक मार मारने वाला डॉक्टर तिवारी अब पीड़ित मानवता की सेवा से हटकर दादा पहलवान के रूप में मरीजों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है। आए दिन उनके द्वारा मरीजों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार के मामले देखने व सुनने को मिल रहे है।  अब तो डॉ. अभिषेक तिवारी आये दिन विवादो में बने रहने लगे है। डॉ तिवारी पर पूर्व की चल रही शिकायतों पर लीपापोती होने से उनके हौंसले बुलंद है और वह अब बैखौफ हो मरीजो व उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने से बाज नहीं आ रहे है। इलाज की जगह विवाद करने में

माहिर बन चुके डॉ. तिवारी पर एक नई कई मामले है जहां जागरूक लोगों के द्वारा तो आवाज उठाई जाती है लेकिन ऐसे भी कई लोग होते है जो विवाद में

पडना नहीं चाहते। लेकिन जागरूक लोग तो ऐसे डॉक्टरों पर कार्यवाही को लेकर मांग करते आ रहे है लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने से नये घटनाक्रम में इजाफा होता जा रहा है क्यों कि डॉ अभिषेक तिवारी को भी पता है कि उसकी कितनी ही शिकायतें हो जाये लेकिन उसका कोई भी बाल भी बांका नहीं कर सकता है जिसके चलते अब वो खुलकर दादागिरी करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के नियमों के  विपरीत जाकर उसकी मनमर्जी अनुसार मरीज व उनके परिजनों से अभद्र व्यवहार कर रहा है। कुछ एक को छोड़ दे तो अधिकतर मामलों में डॉ.तिवारी का काम

करने का तरीका स्वास्थ्य सेवाओं के नियमो एवं डॉक्टरी पेशे के विरूद्ध होकर एक दादा पहलवान जैसा होता जा रहा है। मानो यह डॉक्टर ना होकर कोई हफ्ता वसूली करने वाला पहलवान हो। डॉ.अभिषेक तिवारी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है । इस संबंध में डॉ.अभिषेक तिवारी के विरूद्ध सीएम हेल्पलाईन सहित स्वास्थ्य विभाग, कलेक्टर कार्यालय व अन्य जगहों पर शिकायत करने वाले मनीष चान्दना से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि बीते दिनों हुई घटना के बाद डॉ.अभिषेक तिवारी की पुरानी शिकायतें फिर बाहर आ गई है, इस डॉक्टर से कई लोग पीड़ित है जागरूक लोग तो शिकायत कर देते है लेकिन कुछ लोग चुप रहते है। आये दिन उसके दादागिरी वाले रवैये के घटनाक्रम सुनने व देखने को मिल रहे है उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन में बैठे जिम्मेदारों के द्वारा इसके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

एक घटनाक्रम यह-.

23 जनवरी 2022 को मनीष चान्दना ने डॉ.अभिषेक तिवारी के विरूद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी जिसमें उन्होंने बताया कि जब वे उनके बड़े भैया जिनका की निधन हो गया उनके साथ चौधरी नर्सिंग होम पहुंचे थे, इमरजेंसी होने के बाद भी अस्पताल में बुलाने पर डॉ.तिवारी नहीं आये तो उनके घर मनीष चान्दना हाथ जोड़कर गुहार लगाने पहुंचे थे। सुबह 7 बजे के समय घर पर उपस्थित डॉ.अभिषेक तिवारी के द्वारा मनीष चान्दना के साथ दुर्व्यवहार व दादागिरी की गई उसके बाद भी मनीष चान्दना ने विनती की उनके भैया की तबीयत बहुत खराब है, इमरजेंसी है, आप एक बार परामर्श देकर इलाज शुरू करवा दो बस। तो डॉक्टर तिवारी बोला भाग जा यहां से मेरी मर्जी नहीं पेशेंट देखने की और अब मैं मरीज को नहीं देखूंगा तुझसे जो बन पड़े वो कर ले और उसने मरीज को नहीं देखा और भगा दिया था। जिसके बाद 23 जनवरी 2022 को मनीष चान्दना के द्वारा डॉ.अभिषेक तिवारी के विरूद्ध जिला स्वास्थ्य विभाग सहित सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर सहित अन्य को शिकायत की थी। मनीष चांदना ने बताया की तत्समय सही समय पर ईलाज नहीं मिलने से उनके भैया की हालात खराब होती गई थी समय पर इलाज नहीं मिलने से उनके शरीर में कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई थी और उसके एक साल के अंदर तो उनके भैया का निधन हो गया।

जाँच समिति का कथन हास्यास्पद-

मनीष चान्दना की शिकायत के बाद तत्समय जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बघेल ने जाँच दल गठित किया था जिसके प्रभारी डॉ.विजय भारती को बनाया था। अक्टूबर 2022 में जब डॉ अभिषेक तिवारी के दुर्व्यवहार का एक और मामला सामने आया था तब डॉ तिवारी के पुराने कारनामे व शिकायत सामने आई और मेरी शिकायत पर हलचल प्रारंभ हुई जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग से जाँच अधिकारी ने तत्समय जब शिकायतकर्ता मनीष चान्दना से उनके मोबाईल पर चर्चा की और कहा कि आपकी शिकायत के बाद हम डॉ. अभिषेक तिवारी पर कार्यवाही कर रहे है और उसके वहां से आयुष्मान योजना हटा रहे है। जांच अधिकारी ने चर्चा में कहा की आयुष्मान योजना चौधरी हॉस्पीटल से डॉ.अभिषेक तिवारी के पास से हटाकर उसे दण्ड दे रहे है। उनका इस प्रकार का जवाब सुनकर मनीष चान्दना ने कहा की उनका जवाब पचने लायक नहीं था चान्दना ने कहा कि आयुष्मान योजना को चौधरी हॉस्पीटल से हटाने की बात कही यदि ऐसा होता है तो जिला स्वास्थ्य विभाग उस अड़ियल डॉक्टर तिवारी की पैरवी कर हौंसला आफजाई करने के समान होगा। जबकि होना यह चाहिये कि जिला स्वास्थ्य विभाग को नीमच जिला मुख्यालय सहित जिले भर में जहां भी निजी चिकित्सालय है वहां आयुष्मान योजना का लाभ तुरंत प्रत्येक जरूरतमंद को मिल सके ऐसे निर्देश जारी कर निगरानी रखना चाहिये जबकि यहां तो उल्टा हो रहा उससे आयुष्मान योजना हटाने की बात की जो उसकी हौंसला आफजाई है और ये डॉ.अभिषेक तिवारी को और शे देने का काम कर रही है। जबकि होना यह चाहिये कि जो डॉक्टर स्वास्थ्य सेवाओं ने नियमों के विरुद्ध जाकर, अपने पेशे के विरूद्ध अमानवीयता बनाये रखे और इमरजेंसी में भी मरीजों को उसकी मर्जी होगी तब ही देखे तो ऐसे डॉक्टर को डॉक्टरी करने का कोई हक भी नहीं है। मनीष चान्दना ने बताया कि उन्होंने तत्समय जॉंच अधिकारी डॉ.भारती से मोबाईल पर चर्चा के दौरान व अभी कुछ दिनों पूर्व सीएमएचओ डॉ बघेल से उनके कार्यालय में मिलकर डॉ तिवारी पर क्या कार्यवाही हेतु पूछा तो कार्यवाही क्या की गई नहीं बताया गया। उनसे मनीष चांदना ने कहा की डॉ. अभिषेक तिवारी का डॉक्टरी लायसेंस केंसल करना ही चाहिये यदि ऐसा ना हो सके तो इस डॉक्टर तिवारी को नीमच जिले में कहीं भी कोई सेवा नहीं दे सके ऐसी पाबंदी लगाना चाहिए, पर यहां हो उल्टा रहा है। जाँच समिति के कार्यों से ये लग रहा है कि वे अपने आला अधिकारियों को सही जानकारी नहीं देकर इसको बचाने का कार्य कर रहे है। जबकि डॉ तिवारी की एक नहीं अब कई शिकायतें अलग अलग पीड़ितों ने कर रखी है। मनीष चान्दना कार्यवाही नहीं होने पर पुनः शिकायतों को लेकर मैदान में आ चुके है उन्होंने जिला कलेक्टर से मांग की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करे और डॉ तिवारी जो हमेंशा अमानवीयता का परिचय दे रहे है ऐसे डॉक्टर के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के साथ ही सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड योजना का प्राथमिकता के साथ जरूरतमंदो को लाभ मिल सके ऐसी कार्यवाही करना चाहिये।

लापरवाही